मैं बदलूंगा बिहार' के सामुहिक उद्घोष सें गुंजायमान हुआ दिल्ली का भारत मंडपम

22 मार्च, 2021 को वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास वैभव द्वारा शुरू की गई लेट्स इंस्पायर बिहार अभियान का उद्देश्य 2047 तक एक विकसित भारत के अन्दर एक विकसित बिहार का निर्माण करना है।

bihar vision conclave

बिहारवासियों ने ऐतिहासिक बिहार @ 2047 विजन कॉन्क्लेव में लिया भाग

नई दिल्ली के भारत मंडपम में लेट्स इंस्पायर बिहार अभियान के अंतर्गत आयोजित बिहार @ 2047 विज़न कॉन्क्लेव (सीज़न 2), आज सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस ऐतिहासिक एक-दिवसीय कार्यक्रम में बिहार और प्रवासी बिहारियों के 2,000 से अधिक उद्यमियों, स्टार्टअप्स, और विचारकों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। इस कॉन्क्लेव ने बिहार की विकास यात्रा पर चर्चा के लिए एक मजबूत मंच प्रदान किया। इस एक दिवसीय कार्यक्रम का समापन विज़न 2047 दस्तावेज़ के विमोचन के साथ हुआ।

22 मार्च, 2021 को वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी विकास वैभव द्वारा शुरू की गई लेट्स इंस्पायर बिहार अभियान का उद्देश्य 2047 तक एक विकसित भारत के अन्दर एक विकसित बिहार का निर्माण करना है। इसका लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि शिक्षा, रोजगार, या स्वास्थ्य देखभाल के लिए कोई भी बिहार छोड़ने पर मजबूर न हो। शिक्षा, समता और उद्यमिता के सिद्धांतों पर आधारित यह अभियान बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक और उद्यमशील विरासत से प्रेरणा लेकर जाति और समुदाय की सीमाओं से परे लोगों को राष्ट्रीय विकास के लिए एकजुट करता है। इसके विभिन्न अध्यायों के माध्यम से 1,50,000 से अधिक स्वयंसेवक सक्रिय रूप से योगदान दे रहे हैं।

यह अभियान बिहार में रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए एक उद्यमिता क्रांति की परिकल्पना करता है। यह युवाओं को स्व-रोजगार, स्टार्टअप्स और उद्यमों में प्रवेश के लिए एक सहायक वातावरण प्रदान कर रहा है। 2028 तक, इसका लक्ष्य प्रत्येक जिले में पाँच स्टार्टअप्स स्थापित करना है, जिनमें प्रत्येक 100 से अधिक रोजगार सृजित करने में सक्षम हो।

खचाखच भरे भारत मंडपम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए, इस अभियान के मुख्य संरक्षक और 2003 बैच के आईपीएस अधिकारी विकास वैभव ने एक प्रेरणादायक भाषण दिया। उन्होंने विभाजन की मानसिकता को त्यागने और बिहार की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “यहाँ उपस्थित हम सभी किसी जाति, समुदाय, धर्म, रंग या संप्रदाय का प्रतिनिधित्व नहीं करते, बल्कि बिहार के विकास के लिए एक साझा दृष्टि का प्रतीक हैं।”

जाति, समुदाय और धर्म के आधार पर विभाजनकारी प्रवृत्तियों को खारिज करते हुए, उन्होंने भावपूर्ण स्वर में कहा, “बिहार को अपनी गहरी नींद से जागने, निष्क्रियता तोड़ने और लंबे समय से जारी जड़त्व से बाहर निकलने की जरूरत है। हमें उस अंतर्निहित शक्ति और क्षमता पर विश्वास करना चाहिए, जिसने एक समय में दुनिया को नेतृत्व प्रदान किया था।”

उन्होंने बिहार के भविष्य के प्रति आशावादी बने रहने का आग्रह किया और आने वाले समय में सामाजिक परिवर्तन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने बिहार के विभिन्न जिलों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। वैभव ने यह भी कहा कि समाज में बनाए गए विभिन्न प्रकार के भेदों से ऊपर उठे बिना, हम 2047 तक तो क्या, 2147 तक भी बिहार का विकास नहीं कर पाएंगे।

वैभव ने नागरिकों से राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी निभाने का आग्रह करते हुए श्रोताओं से परिवर्तन के वाहक बनने का आह्वान किया। उन्होंने लोगों से इस अभियान को आत्मीयता के साथ अपना अभियान मानकर बिहार के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन में अपना योगदान देने की प्रतिबद्धता जताने की अपील की। बगहा और रोहतास में, जहां उन्होंने दोनों जिलों के शीर्ष पुलिस अधिकारी के रूप में सेवा दी, सफल परिवर्तनों का उदाहरण देते हुए, उन्होंने सामाजिक और कानूनी उपलब्धियों का श्रेय उन समुदायों को दिया, जिन्होंने अपने पूर्वजों के महान दृष्टिकोण को अपनाया। उन्होंने बिहार के विकास के लिए उद्यमिता क्रांति को मुख्य आधार बताते हुए सामूहिक समर्थन की अपील की।

उन्होंने न केवल व्यक्तियों बल्कि बिहार के उत्थान के लिए काम करने वाले सभी संगठनों से लेट्स इंस्पायर बिहार अभियान के साथ मिलकर एक गौरवशाली भविष्य निर्माण के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने हाल ही में अभियान से जुड़ने वाले कुछ संगठनों की जानकारी दी, जिनमें प्राइवेट स्कूल्स एंड चिल्ड्रन वेलफेयर एसोसिएशन (25,000+ स्कूलों से संबंधित संस्था), ऑटो रिक्शा संघ, मुजफ्फरपुर, सखी बहिनपा मैथिलानी संगठन (40,000+ महिलाएं), और बिहारी वेलफेयर सोसाइटी, दिल्ली शामिल हैं।

उत्साहित भीड़ ने उनके साथ "मैं बिहार को बदलूंगा" का नारा लगाते हुए प्रगति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। बिहार की प्राचीन आर्थिक एवं सांस्कृतिक समृद्धि पर प्रकाश डालते हुए श्री वैभव ने कहा कि हम वेदांत की दृष्टि में विश्वास करने वाले लोग हैं, अतः बिहार के पुनरुत्थान के लिए हमें शिक्षा, समता और उद्यमिता की दृष्टि को पुनः अपनाना होगा। उन्होंने श्रोताओं को याद दिलाया कि, "जिस व्यक्ति को दुनिया ने एशिया का प्रकाश माना, वह बिहार की धरती से ही उत्पन्न हुआ था।"

इस कार्यक्रम में कई विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया, जिनमें उत्तर पूर्व दिल्ली से लोकसभा सांसद मनोज तिवारी, प्रसिद्ध इस्लामी धर्मगुरु मौलाना कल्बे रुशैद रिज़वी, श्रेयसी सिंह, ददन यादव (पूर्व मंत्री), प्रसिद्ध हिंदी कवि शंभू शिखर, मशहूर गायिका नीतू कुमारी नूतन, स्वास्थ्य विशेषज्ञ शशिकांत राय (स्वास्थ्य मंत्रालय), नीदरलैंड में अपना व्यवसाय जमाये बिहारी मूल के जयंत शांडिल्य, डॉ. ज्वाला प्रसाद, अंकित कुमार (संस्थापक, बिहार छात्र संसद), लव सिंह (सामाजिक कार्यकर्ता) और अन्य प्रतिष्ठित पेशेवर और नौकरशाह शामिल थे।

विजन 2047 डॉक्यूमेंट ने 16 प्रमुख क्षेत्रों जैसे शिक्षा, उद्यमिता, स्वास्थ्य, कृषि, पर्यावरण संरक्षण, और पर्यटन के लिए क्रियात्मक रणनीतियां प्रस्तुत कीं। यह दस्तावेज़ 2047 तक एक विकसित बिहार के लिए हितधारकों की साझा दृष्टि को दर्शाता है। विशेषज्ञों और प्रतिभागियों ने उद्यमिता को बढ़ावा देने, जल संसाधन प्रबंधन, आईटी-समर्थित सेवाओं को प्रोत्साहित करने, और परिवहन एवं संचार बुनियादी ढांचे को मजबूत करने जैसे विषयों पर विचार साझा किए।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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