केजरीवाल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाएगी भाजपा , बजट अधिवेशन 10 दिन बढ़ाने की मांग

भारतीय जनता पार्टी दिल्ली की केजरीवाल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही है। भाजपा विधायक दल की बैठक में यह फैसला किया गया है। पार्टी का कहना है कि आम आदमी पार्टी की सरकार को काम करने का कोई नैतिक या संवैधानिक अधिकार नहीं है।

अरविंद केजरीवाल

Delhi Politics: भाजपा ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। 17 मार्च से शुरू होने वाले बजट अधिवेशन में भाजपा अविश्वास प्रस्ताव लाएगी। भाजपा ने बजट सत्र को 10 दिन बढ़ाने और दस विषयों पर चर्चा का नोटिस भी दिया है। भाजपा विधायक दल की बैठक में कहा गया कि केजरीवाल सरकार के दो मंत्री जेल चले गए हैं और सरकार पर अनेक घोटालों के आरोप हैं जिनमें शराब घोटाला, हवाला घोटाला, जासूसी घोटाला, क्लास रूम घोटाला, दिल्ली जल बोर्ड घोटाला, विज्ञापन घोटाला, बिजली सबसिडी घोटाला, कंस्ट्रक्शन वर्कर्स घोटाला, डीटीसी घोटाला और अस्थाई अस्पताल घोटाला शामिल हैं। ऐसी स्थिति में इस सरकार को काम करने का कोई नैतिक या संवैधानिक अधिकार नहीं है। इसलिए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा रहा है। संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश प्रवक्ता श्री आदित्य झा उपस्थित थे।
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विधायकों के अधिकारों पर डाका डाल रही सरकार

बैठक में बिधूड़ी ने बजट सत्र को बहुत कम अवधि के लिये बुलाने पर असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने ने कहा कि दिल्ली विधानसभा का बजट अधिवेशन सिर्फ 5 दिन के लिए ही बुलाया गया है जिनमें से केवल दो दिन ही प्रश्नकाल का प्रावधान रखा गया है। यह विधायकों के अधिकारों का हनन है और यह सरकार लगातार विधायकों के अधिकारों पर डाका डाल रही है। उन्होंने याद दिलाया कि पहली विधानसभा का 1994 में जो पहला बजट अधिवेशन हुआ था वह एक महीना 4 दिन तक चला था और उसमें 19 सिटिंग हुई थीं। एक तरफ लोकतंत्र का वह ऐतिहासिक दौर था और एक आज तानाशाही का दौर है जिसमें प्रश्नकाल तक नहीं रखे जा रहे हैं। भाजपा विधायकों ने मांग की है कि बजट अधिवेशन कम से कम 15 दिन का तो अवश्य ही होना चाहिए और प्रतिदिन प्रश्नकाल का प्रावधान किया जाए।
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जनता के सामने सच्चाई लाने के लिए हो चर्चा

बिधूड़ी ने बताया कि भाजपा के विधायकों ने विधानसभा में दिल्ली की गंभीर समस्याओं पर चर्चा के लिए नोटिस दिए हैं और हम चाहते हैं कि सभी विषयों पर चर्चा कराई जाए ताकि जनता के सामने सच्चाई आ सके। जिन विषयों के लिए नोटिस दिए गए हैं, उनमें भ्रष्टाचार में आकंठ डूबी सरकार के कार्यकलापों पर चर्चा, वायु प्रदूषण की गंभीर स्थिति, पीने के पानी का संकट, परिवहन व्यवस्था का चरमराना, नये स्कूल-कॉलेज न खुलना, स्कूलों में शिक्षकों की कमी, राशनिंग व्यवस्था चौपट होना, मोहल्ला क्लीनिकों में अव्यवस्था, यमुना की सफाई न होना, बारापूला पुल के निर्माण के लिए किसानों की जमीन कोड़ियों के भाव अधिग्रहित करना और ग्रामीण क्षेत्रों और किसानों की लगातार उपेक्षा जैसे विषय शामिल हैं।
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