सड़क हादसे में 32 साल का शख्स हुआ ब्रेन डेड, जाते-जाते चार लोगों को दे गया जिंदगी

जागरूकता की कमी और गलत धारणाओं के कारण अंग दाताओं की कमी है और हर बीतते साल के साथ दान किए गए अंगों की संख्या और प्रत्यारोपण का इंतजार कर रहे लोगों के बीच का अंतर बढ़ता जा रहा है।

मरीजों की जान बचाने के लिए दिल, लिवर और किडनी दान

ब्रेन डेड घोषित 32 वर्षीय एक व्यक्ति जाते-जाते चार लोगों की जिंदगी बचा गया। युवक के परिवार ने बुधवार को उसका दिल, लीवर और दोनों किडनी दान कर चार लोगों की जान बचाई। मध्य प्रदेश के रहने वाले यह शख्स 25 फरवरी को दिल्ली के महिपालपुर में हादसे का शिकार हो गया था और उसे बेहद गंभीर हालत में फोर्टिस अस्पताल वसंत कुंज लाया गया था। मंगलवार को मरीज को ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया।

दिल, लिवर और किडनी दान करने का फैसला

काउंसलिंग के बाद मरीज के परिवार ने ट्रांसप्लांट की जरूरत वाले मरीजों की जान बचाने के लिए उसका दिल, लिवर और किडनी दान करने का फैसला किया। दिल एम्स को, लीवर सर गंगा राम अस्पताल को, एक किडनी मैक्स अस्पताल शालीमार बाग को और दूसरी किडनी फोर्टिस वसंत कुंज में एक मरीज में ट्रांसप्लांट की गई। सिर्फ 11 मिनट में 10 किलोमीटर की दूरी तय करते हुए दिल को ट्रांसपोर्ट करने के लिए फोर्टिस अस्पताल, वसंत कुंज से एक ग्रीन कॉरिडोर भी बनाया गया था।

फोर्टिस अस्पताल, वसंत कुंज के क्रिटिकल केयर मेडिसिन के निदेशक और प्रमुख गौरी शंकर शर्मा ने कहा, मैं अंग दान के मूल्य को समझने और बीमार रोगियों को जीवन देने के लिए मृतक दाता और उसके परिवार को सलाम करता हूं। इससे अधिक लोगों को आगे आने के लिए प्रोत्साहित होना चाहिए और अधिक जीवन बचाने के लिए खुद को अंगदान के लिए पंजीकृत कराना चाहिए।

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