Chhath 2023: यमुना में झाग की चादर, कैसे देगें सूर्य को अर्घ्य? BJP और 'आप' की अपनी ढपली अपना राग

Chhath 2023 - छठ पर्व से पूर्व यमुना के प्रदूषित होने को लेकर बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर जारी है। राजनीति का केंद्र बिंदु बनी यमुना का पानी बेदह दूषित है। डॉक्टरों की मानें तो यमुना में उतर कर छठ पूजा करने पर लोगों को त्वचा संबंधी बीमारियां हो सकती हैं।

यमुना में झाग

दिल्ली: देश में छठ पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। बिहार, छत्तीसगढ़ और पूर्वी उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली-एनसीआर में भी भारी संख्या में छठ व्रती सूर्य को अर्घ्य देकर पर्व मनाते हैं। छठ पर्व पर हर साल यमुना नदी राजनीति का केंद्र बन जाती है। दिल्ली के कालिंदी कुंज पर यमुना नदी में केमिकल से भरी सफेद झाग की तस्वीरें नजर आ रही हैं, जो की छठी व्रतियों के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है। हालांकि, दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार हर साल की तरह इस साल भी यमुना को साफ करने का दवा कर रही है, लेकिन तस्वीरों से साफ नजर आ रहा है कि अभी तक यमुना पूरी तरीके से दूषित है। इधर, आईटीओ पर छठ पर्व पर हजारों की संख्या में लोग यहां पर सूर्य को अर्घ्य देते हैं, जिसकी तैयारी के लिए छठ समिति के लोग साफ सफाई कर रहे हैं।

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यमुना राजनीति का केंद्रइस वर्ष छठ पर्व की शुरुआत 17 नवंबर से होगी, जिसका समापन 20 नवंबर को होगा। यमुना नदी में छठ व्रती सूर्य को अर्घ्य देकर अपनी पूजा पाठ करेंगे। दिल्लीवासी और एनसीआर में रहने वाले लोग इस दूषित यमुना नदी में छठ पर्व मनाने के लिए मजबूर हैं। यमुना नदी को हर साल की तरह राजनीति का केंद्र बना दिया जाता है और आरोप प्रत्यारोप का दौरा जारी रहता है । आपको बताते चलें कि पिछले साल भी यमुना नदी को साफ करने के दावे आम आदमी पार्टी सरकार के खोखले साबित हुए थे, तो इस साल की यमुना पूरी तरीके से दूषित है।

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यमुना में सीवेज प्लांट्स और फैक्ट्री का पानी इस दूषित यमुना नदी में छठ पूजा करने के दौरान लोगों के शरीर में केमिकल लगता है, जिससे बीमारियां बनती हैं। चर्म रोग विशेषज्ञ वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर स्वाति माहेश्वरी की मानें तो यमुना में इस वक्त काफी जहरीले केमिकल हैं। ये सभी सीवेज प्लांट्स और फैक्ट्री से निकल कर यमुना में मिलते हैं। यमुना नदी में आने के कारण इसमें अमोनिया, फॉस्फेट, आरकारी, लेड और मरकरी केमिकल फोम यानी की झाग के रूप में आ जाते हैं, जिसके कारण चर्म रोग होते हैं। खासतौर पर महिलाओं की त्वचा बहुत नाजुक होती है, इसलिए महिलाओं के लिए दूषित यमुना में उतरकर पूजा करना नुकसानदायक हो सकता है।

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