Burari Demolition: बुराड़ी में अवैध मकानों को गिराने का आदेश जारी, विरोध में सड़को पर उतरे लोग
Delhi News: उत्तरी बुराड़ी में 800 मकान गिराने के लिए कोर्ट ने दिए राजस्व विभाग को आदेश। हजारों लोगों पर मंडराया घर से बेघर होने का खतरा। विरोध में लोग सड़कों पर उतरे।
उत्तरी बुराड़ी के झड़ौदा गांव में मकान गिराने का कोर्ट ने दिए राजस्व विभाग को आदेश।
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झड़ौदा गांव में रहने वाले निवासियों ने जीटी करनाल रोड, वजीराबाद हाईवे और आसपास की कई सड़कों पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए जाम लगा दिया है। विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले लोगों में सबसे अधिक संख्या महिलाओं की है। सड़कों पर चल रहे हंगामे की जानकारी पुलिस को मिलते ही भारी संख्या में फोर्स को मौके पर पहुंची।
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सड़कों पर लगे जाम के कारण हो रही असुविधा को देखते हुए ट्रैफिक पुलिस ने कुछ इलाकों में डायवर्जन किया। जानकारी के अनुसार करीब 3 घंटे तक प्रदर्शनकारी सड़कों पर मकान गिराने के फैसले का विरोध करते रहे। प्रशासन की बड़ी कोशिशों के बाद जाकर प्रदर्शनकारी देर रात सड़कों से हटे, तब जाकर यातायात सामान्य हुआ।
प्रदर्शनकारियों का आरोप
झड़ौदा गांव में 800 मकानों को गिराने के कोर्ट के ऑडर पर जब प्रदर्शनकारियों से बात की तो उन्होंने इसे मनमाने ढंग से ध्वस्तीकरण की कार्यवाही बताया। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यदि सरकार को लगता है कि जमीनों पर गलत तरीके से कब्जा करके मकान बनाए गए हैं तो वो उन लोगों की भी कार्यवाही करे, जिन्होंने ये जमीन को बेचा है।
19 नवंबर तक जमीन खाली करने का जारी हुआ नोटिस
कोर्ट ने राजस्व विभाग को झड़ौदा गांव के खसरा नंबर 28 और 29 की जमीन को खाली करने के आदेश दिए है। इस आदेश के अनुसार, जमीन को खाली करके असली भूस्वामी को सौंपा जाएगा। कोर्ट द्वारा जारी आदेश के अनुसार, राजस्व विभाग ने जमीन को खाली करने का काम शुरू कर दिया है। विभाग ने वहां रह रहे लोगों को 19 नवंबर तक मकान खाली करने का नोटिस दिया है उसके बाद 20 नवंबर से तोड़-फोड़ का काम शुरू कर दिया जाएगा।
हजारों लोगों पर मंडराया बेघर होने का खतरा
खसरा नंबर 28 और 29 में प्रशासन द्वारा दी जानकारी के अनुसार 800 मकान है। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि वह इन मकानों में 30-40 वर्षों से रह रहे हैं। अगर उनके मकान को गिराया जाता है तो वह सड़क पर आ जाएंगे। मकान गिराने के आदेश पर दिल्ली नगर निगम की निर्माण समिति के पूर्व अध्यक्ष जगदीश ममगई ने अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि जिन विभागों के पास जमीन का स्वामित्व रहा है वह 1980 से इस जमीन की सुरक्षा नहीं कर पाए हैं। ऐसे में विभाग के अधिकारी इसके जिम्मेदार है।
इन अधिकारियों की जवाबदेही तय करते हुए सख्त कार्यवाही करने की आवश्यकता है। जगदीश ममगई ने आगे बात करते हुए कहा कि संबंधित विभाग को लोगों से सामान्य दर को ध्यान में रखते हुए रकम वसूलनी चाहिए और घरों को नियमित करना चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा इस प्रकार के मामलों में लोगों को बेघर करने की बजाए स्थायी समाधान निकालने की आवश्यकता है।
बुराड़ी के विधायक ने अतिक्रमण पर क्या कहा
बुराड़ी झड़ौदा गांव में मकान गिराने के फैसले पर विधायक संजीव झा ने डीडीए का जिक्र किया और एलजी से इस मामले के संबंध में मिलने का समय मांगते हुए कहा कि "जब इस क्षेत्र को बसाया गया था, तब डीडीए कहां पर था। यहां लोगों को बिजली का कनेक्शन नहीं मिला है। हर सुविधा के लिए वसूली की जा रही है। डीडीए एलजी के नियंत्रण में आता है। उन्हें इस मामले की सुध लेनी चाहिए। एलजी से मिलने का समय मांगा है, इसके साथ ही डीडीए को ई-मेल किया हुआ है।"
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