दिल्ली में सिग्नेचर ब्रिज से गाजियाबाद तक सिग्नल फ्री होने में लगेगा और समय, फिर बढ़ी फ्लाईओवर की डेडलाइन
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में सिग्नेचर ब्रिज से गाजियाबाद में लोन बॉर्डर तक सिग्नल फ्री कॉरिडोर बनाने के लिए बन रहे फ्लाइओवर की धीमी रफ्तार के कारण इसकी डेडलाइन एक बार फिर निकल चुकी है। अब तक इस फ्लाइओवर का सिर्फ 66 फीसद ही काम पूरा हो पाया है और दो डेडलाइन पार हो चुकी हैं।
अंडर-कंस्ट्रक्शन फ्लाइओवर (फाइल फोटो)
दिल्ली में सिग्नेचर ब्रिज से लोनी बॉर्डर गाजियाबाद तक सिग्नल फ्री कॉरिडोर को बनने में अभी और समय लगेगा। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में मंगल पांडे मार्ग पर निर्माणाधीन 1.5 किमी लंबे फ्लाइओवर की एक और डेडलाइन समाप्त हो चुकी है, लेकिन फ्लाइओवर का काम पूरा नहीं हुआ। इस फ्लाइओवर की डेडलाइन 1 अक्टूबर 2024 थी, लेकिन लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों के अनुसार इस फ्लाइओवर का काम अभी तक सिर्फ 66 फीसद ही पूरा हुआ है। फ्लाइओवर के लिए नई डेडलाइन अभी तय नहीं की गई है।
मंगल पांडे मार्ग पर बनाए जा रहे इस फ्लाइओवर का काम फरवरी 2023 में शुरू हुआ था और उम्मीद की जा रही थी कि 31 जुलाई 2024 से पहले यह फ्लाइओवर बनकर तैयार हो जाएगा। हालांकि, फ्लाइओवर निर्माण की सुस्त रफ्तार को देखते हुए इसकी डेडलाइन 1 अक्टूबर तक बढ़ा दी गई थी। सुस्त रफ्तार के पीछे कई कारणों में से एक पेड़ों को ट्रांसप्लांट करने की इजाजत न मिलना भी शामिल रहा है।
देरी की वजह भी हैअंग्रेजी दैनिक HT के अनुसार PWD के अधिकारियों का कहना है कि ताजा रिव्यू में पाया गया है कि फ्लाइओवर को अभी और कई चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। इसमें हाई-टेंशन पावर लाइन को यहां से शिफ्ट करना, पेड़ काटने की इजाजत न मिलना जैसी कई वजहें हो सकती हैं। यही दोनों फ्लाइओवर निर्माण में देरी की प्रमुख वजह बनेंगे। एक अधिकारी ने बताया कि संबंधित डिस्कॉम ने फ्लाईओवर की सीध में सभी खंभे हटा दिए हैं, सिर्फ मंडोली जेल गेट के सामने वाले हिस्से में क्रॉस बॉन्डिंग का काम बाकी है।
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ज्वाइंट इंस्पेक्शन में ऐसी थी प्रोग्रेसअधिकारी ने बताया कि 20 सितंबर को पीडब्ल्यूडी अधिकारियों, फ्लाइओवर निर्माण में लगी प्राइवेट एजेंसी और इंडिपेंडेंट क्वालिटी एश्योरेंस अधिकारियों ने यहां ज्वाइंट इंस्पेक्शन किया। इसमें पाया गया कि फ्लाइओवर के सभी 18 गार्डर निर्माण का काम पूरा हो चुका है और उन पर शटरिंग का काम किया जा रहा था। इसमें पाया गया कि 22 डेक स्लैब भी ढाल लिए गए हैं। कॉन्ट्रैक्टर को फ्लाइओवर निर्माण के काम में तेजी लाने को कहा गया है।
दुर्घटना के लिए निर्माण एजेंसी की जिम्मेदारी20 सितंबर की PWD की रिपोर्ट में कहा गया है कि फ्लाइओवर प्रोजेक्ट के दोनों ओर सड़क की स्थिति बहुत खराब है। यहां सड़क पर बड़े-बड़े गड्ढे मौजूद हैं, जो चिंता का विषय हैं। एग्जक्यूटिव इंजीनियर को कई रिमाइंडर दिए गए हैं, लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। निर्माणाधीन फ्लाइओवर के साथ वाली सड़क की स्थिति पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसे जल्द से जल्द सुधारे जाने की आवश्यकता है। इसकी वजह से अगर यहां कोई भी दुर्घटना होती है तो उसके लिए निर्माण एजेंसी और फील्ड स्टाफ जिम्मेदार होंगे।
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इन भीड़भाड़ वाले इलाकों से बन रहा सिग्नल फ्री कॉरिडोरबता दें कि सिग्नेचर ब्रिज से लोनी बॉर्डर के बीच 7 किमी लंबे इस मार्ग पर दिलशाद गार्डन, नंद नगरी, सरहद पुरी, गोंडा, करावल नगर, मुस्तफाबाद और गोकलपुरी जैसी भीड़भाड़ वाली कॉलोनी आती हैं। यही कारण है कि यहां एक फास्ट और सिग्नल फ्री कॉरिडोर की आवश्यकता है। ताकि उत्तरी दिल्ली से लोनी बॉर्डर तक पहुंचना आसान हो सके।
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खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें
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