साइबर फ्रॉड का अड्डा जामताड़ा : फर्जी बैंककर्मी बनकर 10 लाख की ठगी, छह आरोपी गिरफ्तार और 22 हजार सिमकार्ड बरामद

Cyber Fraud Case : झारखंड के जामताड़ा में साइबर फ्रॉड करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है। इसके तहत दिल्‍ली पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके पास से 22 हजार सिम कार्ड बरामद किए हैं।

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साइबर फ्रॉड (सांकेतिक चित्र)।

Cyber Fraud Case : दिल्ली पुलिस ने झारखंड के जामताड़ा में स्थित एक सिंडिकेट का भंडाफोड़ किया है। ऑनलाइन धोखाधड़ी को अंजाम देने वाला ये गिरोह फर्जी बैंक कर्मचारी बनकर लोगों को ठगने का काम करता था। दिल्‍ली पुलिस ने इस गिरोह के कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया है और करीब 22 हजार सिम कार्ड भी बरामद किए हैं।

10 लाख रुपये की हुई थी ठगी

आउटर नॉर्थ जिले के डीसीपी रवि कुमार सिंह के मुताबिक, दुबई निवासी एक शख्‍स ने बताया कि उनकी बेटी दिल्ली टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी की छात्रा है, उससे मिलने के लिए वे दिल्‍ली आए हुए हैं। जब बेटी ने पासबुक अपडेट कराने की बता कही तो उन्‍होंने कस्‍टमर केयर का नंबर इंटरनेट पर सर्च किया। तभी एक युवक ने खुद को बैंक कर्मचारी बताते हुए उनसे बात की और लिंक भेजकर उनके फोन पर एसबीआई एनीडेस्‍क को इंस्‍टॉल करने के लिए कहा। उनके ऐसा करते ही आरोपियों ने कॉल को आगे ट्रांसफर करने की बात कही जिसके साथ ही नेट बैंकिग को लॉगइन करा खाते से 10 लाख रुपये निकाल लिए।

कहां तक पहुंची मामले की जांच

पुलिस का कहना है क‍ि उन्‍होंने इस सिंडिकेट के छह सदस्‍यों को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपियों की पहचान जामताड़ा निवासी निजामुद्दीन अंसारी (23), अफरोज आलम (23), मोहम्मद आमिर अंसारी (22), सरफराज अंसारी (22), अफरोज अंसारी (22) और निवासी नसीम मालित्य (31) के रूप में हुई है। गिरोह में शामिल नसीम बंगाल के मुर्शिदाबाद का निवासी बताया गया है। बकौल पुलिस, आरोपियों के पास से कुल 21,761 इस्तेमाल और गैर इस्‍तेमाल सिमकार्ड भी बरामद किए गए हैं।

इस तरह बच निकलते थे आरोपी

डीसीपी ने बताया है क‍ि सर्विलांस और टेक्निकल इनपुट्स के आधार पर दिल्ली पुलिस की टीम ने 11 अप्रैल को झारखंड पुलिस की टीम के साथ जामताड़ा के एक गांव नावाडीह में छापेमारी की थी। जालसाजों ने बचने के लिए कॉल फॉरवर्डिंग के तरीके का इस्तेमाल किया। जांच के दौरान कॉल डिटेल निकाली गई और सभी लेन-देन की जांच की गई। डीसीपी ने साइबर अपराधियों के इस गिरोह‍ के बारे में बताते हुए कहा है क‍ि ये लोग बड़े ही शातिर तरीके से काम कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वे मुर्शिदाबाद में रेगी नगर से प्री-एक्टिवेटेड सिम कार्ड का प्रयोग करते थे ताकि जांच के दौरान कोई टीम इन तक न पहुंच सके।

इन पैंतरों का भी करते थे इस्‍तेमाल

जामताड़ा ठगी के इस मामले में जब एक अधिकारी से बात की गई तो उन्‍होंने बताया कि साइबर अपराधियों का से गिरोह बड़ी मात्रा में मोबाइल सिम कार्ड रखता है। ये लोग ग्राहकों को कॉल सेंटर कर्मचारी या बैंक अधिकारी बनकर कॉल करते हैं और जैकपॉट का लालच देते हैं। इसके बाद उन लोगों को फोन किया जाता है और उनसे बैंक डिटेल मांगी जाती है तभी उनके फोन पर ओटीपी भेजा जाता है। एनीडेस्‍क जैसे तमाम एप का इस्तेमाल करके लाखों रुपये अपने अकाउंट में ट्रांसफर करा लिए जाते हैं। इस पूरे क्रम के बाद उस सिम को डिएक्टिवेट कर दिया जाता है।

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शाश्वत गुप्ता author

पत्रकारिता जगत में पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2018-20 में जागरण इंस्‍टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड मास कम्‍युनिकेशन से Advance PG डिप्लोमा करने के...और देखें

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