केजरीवाल की शराब नीति को लेकर CAG रिपोर्ट में 'खुलासा'; बिना मंजूरी के लिए गए फैसले

Delhi Assembly: अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी सत्ता से बेदखल तो हो गई, लेकिन उनकी मुसीबतें अब भी कम नहीं हो रही हैं। केजरीवाल की शराब नीति पर कैग रिपोर्ट में बड़ी जानकारी सामने आई है। इसके तहत बिना मंजूरी के फैसले लिए गए। ऐसे में खामियों को लेकर जिम्मेदारी तय करना जरूरी।

CAG on Kejriwal's Liquor Policy

केजरीवाल की शराब नीति पर सीएजी रिपोर्ट में क्या है?

CAG on Kejriwal's Liquor Policy: नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की 2017 से 2022 के बीच दिल्ली की शराब नीति पर ऑडिट रिपोर्ट में गुणवत्ता नियंत्रण, लाइसेंसिंग, मूल्य निर्धारण और प्रणालीगत प्रवर्तन विफलताओं में कई उल्लंघनों को चिह्नित किया गया है। इसमें कहा गया है कि सक्षम अधिकारी की मंजूरी के बिना निर्णय लिए गए और खामियों के लिए जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की जानी चाहिए।

शराब नीति को लेकर सीएजी रिपोर्ट में क्या है?

समाचार एजेंसी आईएएनएस ने CAG रिपोर्ट पेश होने से पहले ही ये दावा किया कि 'दिल्ली में शराब के विनियमन और आपूर्ति पर परफॉर्मेंस ऑडिट' को लेकर तैयार सीएजी रिपोर्ट की एक प्रति के पास उपलब्ध है। कैग रिपोर्ट मंगलवार को उपराज्यपाल (एलजी) विनय कुमार सक्सेना के अभिभाषण के तुरंत बाद सदन में पेश हुई। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रिपोर्ट पेश की।

भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक गिरीश चंद्र मुर्मू द्वारा हस्ताक्षरित रिपोर्ट में लिखा गया है कि 'वास्तविक कार्यान्वयन उप-इष्टतम (अपेक्षा के अनुरूप नहीं) था और नीति के पीछे के उद्देश्य प्राप्त नहीं हुए'। इसमें कहा गया है कि गैर-अनुरूप वार्डों में दुकानें नहीं खोली जा सकीं और खुदरा दुकानों का समान वितरण हासिल नहीं किया जा सका।

क्षेत्रीय लाइसेंस जारी करने और प्रबंधन में बड़ी खामियां

रिपोर्ट में कहा गया है कि 'क्षेत्रीय लाइसेंस जारी करने और प्रबंधन में बड़ी खामियां थीं। वित्तीय साधनों और प्रबंधन विशेषज्ञता के संबंध में व्यावसायिक संस्थाओं की जांच का अभाव था।' 'शराब आपूर्ति डेटा क्षेत्रीय लाइसेंसधारियों और थोक विक्रेताओं और ब्रांड पुशिंग के बीच विशिष्टता व्यवस्था को इंगित करता है। विस्तारित नीति अवधि के दौरान क्षेत्रीय लाइसेंसों के आत्मसमर्पण से राजस्व में भारी नुकसान हुआ।'

रिपोर्ट में कहा गया है कि नीति में नियोजित अन्य महत्वपूर्ण उपाय, जैसे प्रयोगशालाओं की स्थापना और गुणवत्ता आश्वासन के लिए बैच परीक्षण, सुपर प्रीमियम वेंड की स्थापना आदि को लागू नहीं किया गया। सीएजी रिपोर्ट में खामियों के लिए जिम्मेदारी तय करने की बात कही गई है। सीएजी ने रिपोर्ट में कहा है, 'देखी गई खामियों के लिए जिम्मेदारी और जवाबदेही तय की जानी चाहिए और प्रवर्तन तंत्र को मजबूत किया जाना चाहिए।'

सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना लिए गए निर्णय

रिपोर्ट में कहा गया है कि सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना निर्णय लिए गए। 'ऑडिट ने पाया कि कैबिनेट के फैसले संख्या 10 के उल्लंघन में, 100 करोड़ रुपये से अधिक की राशि के लिए ऋण देने में देरी की गई। धारा 3003 के अनुसार, कुछ निर्णय, जिनका राजस्व पर प्रभाव था, मंत्रिमंडल से अनुमोदन लिए बिना और/या उपराज्यपाल की राय प्राप्त किए बिना लिए गए थे।'

(इनपुट- IANS)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) पढ़ें हिंदी में और देखें छोटी बड़ी सभी न्यूज़ Times Now Navbharat Live TV पर। दिल्ली (Cities News) अपडेट और चुनाव (Elections) की ताजा समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से।

आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

End of Article

© 2025 Bennett, Coleman & Company Limited