दिल्ली लाया गया दीपक बॉक्सर: भारत का वो शातिर अपराधी जिसके पीछे लगीं देश-विदेश की दर्जनों एजेंसियां, पढ़िए उसकी Crime Profile

Deepak Pahal Boxer: दीपक बॉक्सर इसी साल जनवरी में फर्जी पासपोर्ट के सहारे मेक्सिको भागा था। दिल्ली पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए देश की खुफिया एजेंसियों के साथ ही साथ इंटरपोल, एफबीआई और मैक्सिकन पुलिस से भी सहायता मांगी। पुलिस ने उसके सिर पर तीन लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।

Who is Deepak Boxer: बेहद शातिर और कुख्यात गैंगस्टर दीपक बॉक्सर को दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को मेक्सिको से गिरफ्तार किया था। आज (बुधवार) सुबह उसे दिल्ली लाया गया है। यह पहला मामला है, जब दिल्ली पुलिस को किसी अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए अमेरिकी एजेंसी FBI तक से मदद लेनी पड़ी और विदेश तक के चक्कर लगाने पड़े।

दीपक बॉक्सर इतना शातिर था कि उसे गिरफ्तार करने के लिए देश ही नहीं विदेश की भी खुफिया एजेंसियों को सिर पीटना पड़ा। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सीपी के अनुसार, दीपक बॉक्सर को गिरफ्तार करने के लिए देश की लगभग सभी खुफिया एजेंसियों के अलावा विदेश मंत्रालय, अमेरिकी एजेंसी इंटरपोल, एफबीआई और मैक्सिकन पुलिस तक से मदद लेनी पड़ी।

कभी स्पोर्ट्स में था चमकता सितारा दीपक बॉक्सर हरियाणा के सोनीपत का रहने वाला है। वह एक किसान परिवार से ताल्लुक रखता है। जब भारत के दिग्गज बॉक्सर विजेंद्र सिंह ने 2008 बीजिंग ओलंपिक में मेडल जीता, तो दीपक बॉक्सर बहुत प्रभावित हुआ। तब वह मात्र 12 साल का था और इसी उम्र में उसने बॉक्सिंग शुरू कर दी। 15 की उम्र में आते-आते वह खेलों की दुनिया में चमकता सितारा बनने लगा था। उसने राष्ट्रीय स्तर पर जूनियर लेवल पर कई प्रतियोगिताएं जीती थीं, लेकिन अपनी इन सफलताओं को वह बड़ी कामयाबी में न बदल सका।

2014-15 में रखा अपराध की दुनिया में कदम

दीपक के गैंगस्टर दीपक बॉक्सर बनने की कहानी 2014-15 से शुरू होती है। पुलिस के मुताबिक, उसकी मुलाकात एक स्थानीय अपराधी मोहित से होती है। मोहित, उस समय के दिल्ली के कुख्यात अपराधी जितेंद्र मान उर्फ गोगी का सहयोगी था और यहीं से दीपक अपराध की दुनिया में पहला कदम रखता है। बॉक्सिंग से जुड़े होने के कारण अपराध की दुनिया में उसे दीपक बॉक्सर के नाम से जाना जाने लगा।

2016 में पहली बार पुलिस की नजर में आयादीपक बॉक्सर पहली बार 2016 में पुलिस की नजर में पड़ा। दरअसल, दीपक ने अपने गैंग के कुछ साथियों के साथ पुलिस पर हमला कर दिया और कुख्यात अपराधी जितेंद्र गोगी को लेकर फरार हो गया। इसके बाद 2021 में जीटीबी अस्पताल में भी दीपक ने ऐसी ही एक और घटना को अंजाम दिया। दीपक यहां चिकित्सीय परीक्षण के लिए लाए गए कुछ अपराधियों को पुलिस कस्टडी से छुड़ाने के पहुंचा और पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग कर दी, वह दीपक फज्जा नाम के एक गैंगस्टर को लेकर फरार हो गया।

2022 में की बिल्डर अमित गुप्ता की हत्या

2022 में दीपक बॉक्सर ने दिल्ली के बिल्डर अमित गुप्ता की हत्या कर दी। उसने फेसबुक पर इस हत्या की जिम्मेदारी ली, जिसके बाद पुलिस ने दीपक की तलाश शुरू कर दी। हालांकि, वह पुलिस को चकमा देता रहा और जनवरी, 2023 में फर्जी पासपोर्ट के सहारे मेक्सिको भाग गया। उसने मुरादाबाद निवासी रवि अंतिल के नाम से फर्जी पासपोर्ट बनवाया था। मेक्सिको पहुंचने के बाद दीपक वहीं से गोगी गैंग को ऑपरेट कर रहा था। दीपक के सिर पर पुलिस ने तीन लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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