स्क्रीनिंग OPD के जरिए कम होगी AIIMS की भीड़, जानिए अब कैसे होगा मरीजों का इलाज
दिल्ली के एम्स में देशभर से बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। यहां मरीजों की संख्या इतनी ज्यादा होती है कि कई बार देर रात तक ओपीडी चलती रहती है। ऐसे में एम्स ने अब स्क्रीनिंग ओपीडी व्यवस्था शुरू करने का प्लान तैयार किया है। जानिए यह क्या है और इसके फायदे -
दिल्ली का एम्स
दिल्ली के एम्स में मरीजों की बढ़ती भीड़ को कम करने के लिए देश के कई शहरों में AIIMS खोले गए हैं। वहां पर मरीजों को इलाज मिल रहा है, लेकिन दिल्ली के एम्स में मरीजों की भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही। देशभर से मरीज दिल्ली के एम्स में इलाज के लिए पहुंचते हैं। यहां हालात ऐसे हैं कि एक दिन में 20 हजार से ज्यादा मरीज OPD में पहुंच रहे हैं। कई बार यहां रात 11 बजे तक ओपीडी लगानी पड़ रही है। ऐसे में अब मरीजों की भीड़ को कम करने के लिए एम्स में Screening OPD होगी। चलिए जानते हैं स्क्रीनिग ओपीडी क्या है और इससे क्या फायदा होगा -
ये बात तो माननी ही होगी कि दिल्ली के एम्स में कई ऐसे मरीज भी इलाज के लिए पहुंचते हैं, जिनका इलाज किसी छोटे-मोटे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आसानी से हो सकता है। एम्स ने ऐसे ही मरीजों को दूर रखने के लिए स्क्रीनिंग ओपीडी की योजना बनाई है। स्क्रीनिंग ओपीडी की मदद से ऐसे मरीजों को एम्स से दूर करके किसी अन्य अस्पताल में भेजा जाएगा और जिनकी स्थिति गंभीर है उनको बेहतर इलाज दिया जाएगा।
क्या है स्क्रीनिंग ओपीडीएम्स को स्क्रीनिंग ओपीडी से बड़ी उम्मीदें हैं और यह जल्द ही लागू हो सकती है। यह सामान्य ओपीडी से थोड़ी अलग होती है। नए मरीजों के लिए स्क्रीनिंग ओपीडी चालू होने के बाद छोटी-मोटी बीमारी से पीड़ित मरीजों को यहीं पर हेंडल कर लिया जाएगा। इससे एक फायदा यह भी होगा कि जिन मरीजों को ज्यादा जांच और फॉलोअप की जरूरत होगी या जिनकी समस्या गंभीर होगी, उन्हें अंदर ओपनिंग ओपीडी में भेजना आसान होगा। एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि जिन मरीजों को प्राइमरी या सेकेंडरी हेल्थकेयर की जरूरत होगी, उन्हें दूसरे अस्पतालों में भेजा जाएगा। इससे गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इलाज संभव होगा।
न्यूज18 के अनुसार स्क्रीनिंग ओपीडी की व्यवस्था सिर्फ नए मरीजों के लिए होगी। इससे मरीजों को हल्की और गंभीर बीमारी की श्रेणियों में बांटना आसान हो जाएगा। जो लोग गंभीर रूप से बीमार होंगे, उनको ओपनिंग ओपीडी में अंदर भेज दिया जाएगा। स्क्रीनिंग ओपीडी का समय नॉर्मल ओपीडी के समय के साथ तय किया जाएगा। आप अब भी पहले की तरह एम्स में ओपीडी के लिए अपॉइनमेंट ले सकते हैं, लेकिन जब मरीज को दिखाने पहुंचेंगे तो उन्हें स्क्रीनिंग से गुजरना होगा।
स्क्रीनिंग ओपीडी का फायदा क्या होगा?जैसा कि हमने ऊपर बताया, देशभर से मरीज दिल्ली के एम्स में इलाज के लिए आते हैं। कई बार तो लोग प्राइमरी और सेकेंडरी ट्रीटमेंट के लिए भी यहां आते हैं। अगर उनकी छोटी-मोटी बीमारी का इलाज दूसरे अस्पताल में हो सकता है तो स्क्रीनिंग ओपीडी में उन्हें अलग कर दिया जाएगा। रेजिडेंट डॉक्टर इन मरीजों का चेकअप करेंगे और जिन्हें फॉलोअप की आवश्यकता नहीं है, उनका इलाज करके वहीं से घर भेज देंगे। जिन लोगों को ज्यादा इलाज की जरूरत होगी उन्हें ही स्क्रीनिंग ओपीडी से आगे भेजा जाएगा, इससे ओपीडी में मरीजों की संख्या कम होगी।
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