Delhi Vidhan Sabha 2025: मतदाता सूची को लेकर हो रहे हंगामे पर CEC राजीव कुमार का दो टूक जवाब, दिखाया सभी को आईना

Delhi Vidhan Sabha 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तिथियों की घोषणा करने के लिए चुनाव आयोग द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस की जा रही है। इसमें चुनाव आयुक्त द्वारा इलेक्टोरल रोल में गलत तरीके से वोटर के नाम जोड़ने और काटने पर दी सफाई।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार

Delhi Vidhan Sabha 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने अपनी कमर कस ली है। दिल्ली की फाइनल वोटर लिस्ट जारी करने के बाद चुनाव आयोग द्वारा मंगलवार, 7 जनवरी 2025 को दिल्ली विधानसभा 2025 कि तिथियों की घोषणा की जा रही है। इस दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त (Chief Election Commissioner) राजीव कुमार द्वारा वोटर लिस्ट में नाम काटने और ईवीएम पर उठे सवालों का जवाब दिया गया। बीते दिनों आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने निर्वाचन आयोग पर वोटर के नाम जानबूझकर काटने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही वोटर के नाम गलत तरीके से जोड़ने और खास वर्ग के लोगों को टारगेट करने को लेकर राजीव कुमार ने सफाई दी है।

वोटर लिस्ट में गलत एंट्री को आरोप पर बोले CEC

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि वोटर लिस्ट में गलत एंट्री के आरोप को सुनकर दुख होता है। उन्होंने गलत एंट्री के साथ ईवीएम, धीमी मतगणना में गड़बड़ी और वोटर लिस्ट से नाम काटे जाने के आरोपों पर भी बात की। उन्होंने इलेक्टोरल रोल में गलत तरीके से वोटर्स जोड़ने पर सफाई देते हुए कहा कि यह महाराष्ट्र से शुरू हुआ और दिल्ली में अभी भी चल रहा है। ऐसा कहा गया है कि इसमें एक खास ग्रुप को टारगेट किया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा कि विधानसभा में 50 हजार वोटर बढ़ा दिए गए हैं। जिससे पार्टी जीत गई। कहा जा रहा है कि 5 बजे के बाद वोटर टर्नआउट बढ़ जाता है। मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा हमें दिखाइए 5 से 10 बजे के बीच लोग कहां खड़े होते हैं।

राजीव कुमार ने 30 मिनट तक फैक्ट्स के साथ वोटर्स बढ़ाने और खास वर्ग को टारगेट करने के आरोपों पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि 2020 में 30 राज्यों में इलेक्शन हुए थे। अलग-अलग पार्टियों को वोट मिले थे। उन्होंने कहा कि वोटिंग की पूरी पिक्चर अगर पार्टियों को दिखा दी जाए तो परिणाम के आधार पर प्रक्रिया का आकलन नहीं किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि 2020 में दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप को 53.57 प्रतिशत वोट के साथ 62 सीटें मिली थी, जबकि भाजपा को 35.51 प्रतिशत वोट के साथ केवर 8 सीटें मिली थी। वहीं कांग्रेस अपना खाता तक खोलने में नाकाम रही थी।

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