जब मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ चुनाव लड़ रहे भाजपा उम्मीदवार उनके घर वोट मांगने पहुंच गए

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के तहत प्रचार जोरों पर है। तमाम नेता जनता के बीच जाकर अपने और अपनी पार्टी के पक्ष में मतदान के लिए गुजारिश कर रहे हैं। लेकिन दिल्ली के चुनावी इतिहास में ऐसा मौका भी आया जब एक प्रत्याशी मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के घर पहुंच गया और उनके खिलाफ उनसे ही अपने लिए वोट की मांग की।

Vijay Jolly-Sheila dixit.

रोचक चुनावी किस्सा, जो चर्चा में रहा

दिल्ली में विधानसभा चुनाव का प्रचार जोरों पर है। मुख्यमंत्री आतिशी सहित कई नेता आज भी अपना नामांकन दाखिल कर रहे हैं। नामांकन का दौर जारी है। इस बीच एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जारी है। चुनाव के दौरान आरोप-प्रत्यारोप कोई नई बात नहीं है, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में राजनीति ने नया निचला स्तर छू लिया है। लेकिन दिल्ली की राजनीति हमेशा ऐसी नहीं थी। यहां सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों का सम्मान था। एक किस्सा तो हम आपके लिए लेकर आए हैं, जब मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ चुनाव लड़ने वाला प्रत्याशी उनके घर वोट मांगने पहुंच गया। चलिए जानते हैं यह रोचक किस्सा -

मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को सत्ता में रहते हुए 10 साल हो गए थे। बात 2008 की है, जब फिर से चुनाव होने थे। कांग्रेस ने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को नई दिल्ली सीट से चुनावी मैदान में उतारा। एक तो शीला दीक्षित और ऊपर से 10 साल से मुख्यमंत्री। उस समय शीला दीक्षित के खिलाफ चुनाव लड़ने की हिम्मत करना ही बड़ी बात थी। लेकिन शीला दीक्षित जैसी कद्दावर नेता के खिलाफ चुनाव लड़ना सम्मान की बात भी थी।

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शीला दीक्षित के खिलाफ भाजपा उम्मीदवार

शीला दीक्षित जैसी कद्दावर नेता और मुख्यमंत्री के सामने भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने विजय जौली को नई दिल्ली से चुनावी मैदान में उतार दिया। विजय जौली ने उससे पिछला चुनाव यानी साल 2003 में साकेत विधानसभा से जीत दर्ज की थी। लेकिन 2008 में पार्टी ने उन्हें शीला दीक्षित के खिलाफ मैदान में उतारने का फैसला किया।

हराने के लिए शीला दीक्षित के सामने उतारा

विजय जौली ने एक हिंदी दैनिक अखबार से बात करते हुए बताया कि उस समय उनके दोस्तों की क्या प्रतिक्रिया थी। उन्होंने बताया, मेरे कई दोस्तों ने मुझसे कहा कि मुझे हराने के लिए चुनाव में में उतारा जा रहा है। लेकिन मैंने कहा कि दो बार की मुख्यमंत्री के सामने चुनाव लड़ना मेरे लिए बड़ी बात है।

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परिवार सहित मुख्यमंत्री से मिलने गए

जौली ने आगे कहा, चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें लोगों की समस्याओं के बारे में पता चला। इस पर उन्होंने मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से मिलने का समय मांगा। मुख्यमंत्री ने उन्हें समय भी दे दिया और फिर विजय जौली अपने परिवार के साथ उनसे मिलने पहुंच गए। इस मुलाकात के दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री के सामने इलाके के लोगों की समस्याओं को रखा।

आशीर्वाद और वोट भी मांगा

विजय जौली ने याद करते हुए बताया कि जब उनके घर गए तो उन्होंने मुख्यमंत्री से आशीर्वाद लिया। यही नहीं विजय जौली क्योंकि उनके ही क्षेत्र से उनके सामने चुनाव लड़ रहे थे तो उनसे अपने लिए वोट भी मांगा। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने उन्हें आशीर्वाद दिया।

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आज दिल्ली में तमाम पार्टियों के नेताओं के बीच जिस तरह से कटुता बढ़ी है, उसे देखते हुए यह घटना सदियों पुरानी लगती है या सिर्फ कहानी जैसी लगती है। लेकिन सिर्फ 18 साल पहले यह सच्चाई थी। नेताओं में आपसी कटुता नहीं बल्कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता थी। राजनीतिक रूप से एक-दूसरे के खिलाफ लड़ने के बावजूद नेताओं के बीच आपसी संबंध काफी अच्छे थे।

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Digpal Singh author

खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें

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