30 साल के इतिहास में पहली बार जब टला दिल्ली बजट, कौन है जिम्मेदार

Delhi Budget 2023: मंगलवार को आरोप प्रत्यारोप के बीच केंद्र सरकार ने दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार को बजट पेश करने की मंजूरी दे दी। लेकिन सवाल यह है कि आखिर बजट पेश किए जाने को लेकर किस तरह की अड़चन थी।

kailash gehlot

कैलाश गहलोत, वित्त मंत्री, दिल्ली सरकार

मुख्य बातें
  • दिल्ली सरकार पेश करेगी बजट
  • देर शाम केंद्र से मिली मंजूरी
  • कैलाश गहलोत पेश करेंगे बजट

Delhi Budget 2023: दिल्ली सरकार बुधवार को सुबह 11 बजे बजट पेश करने वाली है। वित्त मंत्रालय का पदभार संभाल रहे कैलाश गहलोत के पिटारे से क्या कुछ निकलने वाला है, आम और खास हर किसी की नजर है। इससे पहले आम आदमी पार्टी ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जानबूझकर दिल्ली के लोगों के साथ अन्याय किया जा रहा है। मंगलवार को दिन भर की गहमागहमी के बाद केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को बजट पेश करने की मंजूरी दे दी। 30 साल के इतिहास में यह पहला मौका होगा जब दिल्ली सरकार का बजट टला। लेकिन सवाल यह कि आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन है। कुछ लोग इसे केंद्र सरकार की हठधर्मिता को जिम्मेदार है।

अरविंद केजरीवाल की अपील

बजट के मुद्दे पर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा दिल्ली के हर काम को रोकना सही नहीं है। अब लोग समझने लगे हैं और आवाज़ उठाने लगे हैं।

प्लीज, रोज रोज लड़ना बंद कीजिए। आइये मिलकर दिल्ली का विकास करते हैं, लोगों की सेवा करते हैं। लड़ने में कुछ नहीं रखा।

अलग अलग राय

बजट पेश किए जाने के मुद्दे पर जानकारों की राय अलग अलग है। कुछ लोगों का मानना है कि कोई भी राज्य अपने बजट को पेश करने का अधिकार रखता है। लेकिन दिल्ली का स्वरूप थोड़ा अलग है। यह ना तो पूर्ण रूप से राज्य या पूर्ण रूप से केंद्रशासित प्रदेश है। लिहाजा कुछ मामलों में केंद्र का दखल रहता है। बजट किसी भी चुनी हुई सरकार का अधिकार होता, केंद्र की अनुमति सिर्फ औपचारिकता भर होनी चाहिए। लेकिन कुछ लोग मानते हैं कि इस तरह से हस्तक्षेप के मामले नए नहीं हैं। बजट की तारीख का ऐलान राष्ट्रपति से मंजूरी के बाद ही करना चाहिए।GNCTD अधिनियम में जिक्र है कि निर्वाचित सरकार से इन दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के अलावा लेफ्टिनेंट की कोई भूमिका नहीं है। बजट न तो उपराज्यपाल का होता है और न ही केंद्र सरकार का यह चुनी हुई सरकार का अधिकार है।

कुछ जानकार कहते हैं कि बजट पर गृहमंत्रालय द्वारा सवाल उठाना नई बात नहीं, यह पहले से भी होता रहा है। इस मामले में दिल्ली सरकार से पूछा ही जाना चाहिए कि राष्ट्रपति की सहमति से पहले ही बजट की तारीख के बारे में घोषणा क्यों हुई। इससे पहले भी गृहमंत्रालय के सवालों का जवाब दिल्ली सरकार द्वारा भेजा जाता था। जब हर मुद्दे का निस्तारण कर लिया जाता था तो उसके बाद ही बजट की तारीख का ऐलान स्पीकर और बिजनेस एडवायजरी काउंसिल में चर्चा के बाद किया जाता था।

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ललित राय author

खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया में कार्य करने का अनुभव है।और देखें

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