Delhi Liquor Scam: केजरीवाल जेल से बाहर, सिसोदिया को अभी करना होगा इंतजार
Delhi Liquor Scam: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शराब घोटाला मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। लेकिन दिल्ली सरकार में उनकी सरकार में उनके सहयोगी पूर्व आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका 2 दिन पहले ही रद्द हो चुकी है। कोर्ट ने उनके लिए सख्त टिप्पणियां भी की हैं।
केजरीवाल को मिली बेल, सिसोदिया अब भी जेल में
दिल्ली शराब घोटाला (Delhi Liquor Scam) मामले में जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Delhi CM Arvind Kejriwal) को आज यानी शुक्रवार 10 मई को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से जमानत मिल गई। सुप्रीम कोर्ट ने AAP नेता अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक के लिए जमानत दी है और उन्हें 2 जून को आत्मसमर्पण करने को कहा है। इससे पहले मंगलवार 7 मई को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ संकेत दिए थे कि केजरीवाल को जमानत दी जा सकती है। केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन दिल्ली सरकार में उनके कैबिनेट सहयोगी रहे पूर्व शिक्षा व आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को अभी जमानत के लिए और इंतजार करना पड़ेगा। ज्ञात हो कि मनीष सिसोदिया के आबकारी मंत्री रहते हुए ही दिल्ली में कथित शराब घोटाला हुआ था।
7 मई को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर ईडी से कई सवाल पूछे थे। कोर्ट ने ईडी से पूछा कि चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल की गिरफ्तारी क्यों की गई? कोर्ट ने यह भी पूछा कि केजरीवाल केस में क्या कुर्की भी हुई है? कोर्ट ने ईडी से पूछा कि मामले में कार्रवाई और गिरफ्तारी के बीच लंबा समय क्यों रहा?
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100 से 1100 करोड़ कैसे?एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने मंगलवार 7 मई को ही कोर्ट को बताया कि जांच शुरू हुई तो सीधे तौर पर केजरीवाल के खिलाफ जांच शुरू नहीं हुई थी। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज होने के बाद 1100 करोड़ रुपये अटैच किए जा चुके हैं। कोर्ट ने उनसे कहा कि पहले आपने 100 करोड़ का मामला बताया था, लेकिन दो साल में यह 1100 करोड़ कैसे हो गए। एडिशनल सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि ऐसा शराब पॉलिसी के फायदे के कारण हुआ। इस पर कोर्ट ने उनसे यह भी पूछा कि पूरी आय अपराध की आय कैसे हो गई?
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मनीष सिसोदिया को जमानत नहींबुधवार 8 मई को हुई सुनवाई में स्थानीय अदालत ने मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने उनकी न्यायिक हिरासत 21 मई तक बढ़ा दी थी। इससे पहले 7 मई को सुनवाई के दौरान दिल्ली की एक अदालत ने बेहद सख्त टिप्पणी की और सिसोदिया की जमानत अर्जी ठुकरा दी थी। कोर्ट ने यह भी कहा कि मनीष सिसोदिया और उनके अन्य सह-आरोपी दिल्ली आबकारी मामले में ट्रायल को लटकाने और उसमें देरी करने की कोशिश कर रही है। मनीष सिसोदिया और अन्य की तरफ से आरोप लगाया गया कि इस मामले में कानूनी प्रक्रिया काफी धीमी है। हालांकि, कोर्ट ने उनकी इस आपत्ति को सिरे से खारिज कर दिया।
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बीमार पत्नी की देखरेख के लिए मांगी जमानतदिल्ली की एक ट्रायल कोर्ट ने मनीष सिसोदिया और अन्य की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को उक्त टिप्पणी की थी। बता दें कि मनीष सिसोदिया ने कोर्ट को अपनी पत्नी की बीमारी के बारे में भी जानकारी दी गई थी। उन्होंने यह भी कहा था कि उनकी पत्नी बीमार हैं और घर पर कोई और नहीं है। उन्होंने कहा, पत्नी की देखभाल के लिए उन्हें जमानत चाहिए। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया का एक बेटा भी है, जो उनकी देखभाल कर सकते हैं।
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बता दें कि मनी लॉड्रिंग से जुड़े मामले में ईडी ने छानबीन के बाद आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। मनीष सिसोदिया पिछले एक वर्ष से जेल में बंद हैं। हालांकि, इसी मामले में पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है और वह लोकसभा चुनाव 2024 के लिए पार्टी का प्रचार कर रहे हैं।
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