Connaught Place: दिल्ली के मशहूर कनॉट प्लेस का मालिक कौन है? जानिए कौन वसूलता है यहां का किराया

दिल्ली के कनॉट प्लेस में देश-विदेश से पर्यटक आते हैं। यंगस्टर्स के लिए यह एक फेवरेट हैंगआउट प्लेस तो खरीदारी करने वालों के लिए यह एक शॉपिंग हब है। यहां खाने के शौकीनों के लिए फूड्स वैरायटी की भी भरमार रहती है।

Connaught Place

दिल्ली, कनॉट प्लेस

भारत का दिल है दिल्ली और यही बसा है कनॉट प्लेस। आप सभी ने कनॉट प्लेस के बारे में जरूर सुना होगा। आप यहां घूमने भी गए होंगे और यहां से खरीदारी भी की होगी। कनॉट प्लेस है ही ऐसी जगह। यहां आने वाले लोगों के लिए इसके अलग-अलग मायने हैं, जैसै कि यहां आए पर्यटकों के लिए यह एक विजिटिंग प्लेस है। यंगस्टर्स के लिए यह एक फेवरेट हैंगआउट प्लेस, खरीदारी करने वालों के लिए यह एक शॉपिंग हब है तो वहीं खाने के शौकीनों के लिए यहां एक से बढ़कर एक स्वादिष्ट वैरायटी भी अवेलेबल हैं।

कनॉट प्लेस लोगों की हर जरूरत को समझता है और उन जरूरतों का ख्याल भी रखता है। यहां लोगों को उनके जरूरत का हर सामान बजट में मिल जाता है। यहां हर तरह की खरीदारी के लिए बाजार मौजूद हैं। यहां पालिका जैसी सस्ती और बड़ी बाजार भी लगती है तो वहीं यहां आपको महंगे से महंगे लगभग सभी ब्रांड्स के शोरूम भी मिलेंगे। यहां आपको रेस्टोरेंट्स, कैफे, होटेल्स, मोटेल्स और फूड्स की कई स्टॉल्स भी मिलेंगे।

ड्यूक ऑफ कनॉट पर पड़ा नाम

कनॉट प्लेस को साल 1929 में ब्रिटिश सरकार ने बसाया था। कहां जाता है कि इसे बनाने में पूरे पांच साल का समय लगा था। इसके बनने के बाद इसका नाम ब्रिटिश के एक नामी और शाही व्यक्ति ड्यूक ऑफ कनॉट और स्ट्रैथर्न के नाम पर रखा गया था। वहीं इसके वास्तुकला का डिजाइन ब्रिटिश वास्तुकार रॉबर्ट टोर रसेल ने तैयार किया था।

आकर्षण का केंद्र है सेंट्रल पार्क

भारत की आजादी के बाद यह जगह व्यपार का एक संपन्न केंद्र बन गया। लगभग 30 हेक्टर में फैला दिल्ली का कनॉट प्लेस खरीदारों के लिए बेस्ट जगह है। यहां 12 सड़के हैं। वहीं यहां का सेंट्रल पार्क लोगों के लिए आकर्षण का एक बड़ा केंद्र है। यहीं भारतीय झंडा भी लहरा रहा है, जो देश का सबसे ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज है।

कौन है कनॉट प्लेस का मालिक ?

संपत्ति के लिहाज से तो भारत सरकार कनॉट प्लेस का मालिक है। लेकिन आजादी से पहले यहां की ज्यादातर संपत्ति किराए पर दे दी गई थी। पुरानी दिल्ली किराया नियंत्रण अधिनियम 1958 के तहत आज भी कनॉट प्लेस का किराया केवल 3500 रुपए ही है। वहीं सरकारा ने यहां के पुराने किरायेदार जैसे कि वेयरहाउस कैफे, स्टारबक्स, पिज्जा हट और बैंकों को किराए पर देकर महिने के लाखों कमा रही है।

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Maahi Yashodhar author

माही यशोधर Timesnowhindi.com में न्यूज डेस्क पर काम करती हैं। यहां वह फीचर, इंफ्रा, डेवलपमेंट, पॉलिटिक्स न्यूज कवर करती हैं। इसके अलावा वह डेवलपमेंट क...और देखें

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