Delhi-Dehradun Expressway : वादियों में होगा सुहाना सफर, खुलने वाला है Toll Free एक्सप्रेसवे

Delhi-Dehradun Expressway: दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को आपस में जोड़ने वाले दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे पर फर्राटा भरने की चाहत रखने वाले वाहन चालकों के लिए खुशखबरी है। जल्द ही इसके कुछ हिस्से का उद्घाटन कर आम लोगों को सौंप दिया जाएगा। इससे लोग जंगल सफारी के बीच मौज से सफर कर सकेंगे। आइये जानते हैं इस एक्सप्रेसवे की खासियतें क्या-क्या हैं?

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे

Delhi-Dehradun Expressway : पहाड़ों के बीच सफर करना अलग ही अनुभव होता है। ऊंची-ऊंची चट्टानों और हरियाली से भरे जंगल के बीच से गुजरना यात्रा को सुखद बनाता है। तो चलिए आज हम आपको एक ऐसे ही नायाब एक्सप्रेसवे पर ले चलते हैं, जहां सफर आपको किसी एडवेंचर से कम नहीं लगेगा। जी, हां वो घड़ी बिल्कुल दहलीज पर खड़ी है, जहां से दिल्ली-देहरादून हाईटेक हाईस्पीड एक्सप्रेसवे को आपके लिए खोला जाना है। खबर है कि 30 जुलाई से पहले हाईटेक तकनीकी से लैस एक्सप्रेसवे आम लोगों को सौंप दिया जाएगा। पहले चरण के 32 किमी के दो स्ट्रेच अक्षर धाम से लेकर बागपत के खेकड़ा तक बनकर तैयार हैं। लिहाजा, नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने भरे ट्रकों को खड़ा कर लोड टेस्ट शुरू कर दिया है। तो चलिए जानते हैं यह एक्सप्रेसवे कितनी रफ्तार से चलने के मुफीद है और इसकी खासियतें क्या-क्या हैं?

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे

अक्षरधान टू खेकड़ा तक एक्सप्रेसवे तैयार

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से लोनी, सोनीपत और देहरादून जाने वाले लोगों के लिए जुलाई में बड़ी राहत मिलने वाली है। इस सफर को आसान बनाने के लिए 30 जुलाई से पहले ही दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे (Delhi-Dehradun Expressway) को खोलने की योजना है। इसके पहले चरण में 32 किमी के दो स्ट्रेच अक्षरधाम से लेकर बागपत के खेकड़ा तक चलने के लिए रेडी है। इस एक्सप्रेसवे के खुलने से दिल्ली से गाजियाबाद होते हुए बागपत जाने में आसानी होगी। पूरी तरह बनने के बाद दिल्ली से देहरादून पहुंचना बेहद सरल हो जाएगा।

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे रूट मैप (Delhi-Dehradun Expressway Route Map)

दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे की लंबाई 210 किलोमीटर है। इसकी लागत 13000 करोड़ रुपये है। इससे दिल्ली, बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली और सहारनपुर शहर जुड़ते हैं। उम्मीद है कि इसके खुलने से रोजाना 20 हजार से 30 हजार वाहन रोजाना सफर करेंगे। पहले इस परियोजना को पूरा करने की अवधि 2024 रखी गई थी, लेकिन अब इस अंतिम डेडलाइन 2025 तक बढ़ा दी गई है। इस हाईटेक सड़क मार्ग के खुलने यात्रा का समय कम हो जाएगा। अभी 6 घंटे 30 मिनट का समय लगता है, लेकिन इसके बनने से महज 2 घंटे 30 मिनट का समय लगेगा।
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