Delhi-Dehradun Express: दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे को लेकर बड़ा अपडेट, इतने महीने बाद फर्राटा भर सकेंगे वाहन!
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे मार्च 2025 तक पूरा होना है। इस लिहाज से अभी मेरठ एक्सप्रेसवे पर वाहनों का दबाव कम होने में लंबा समय लगेगा। पर्यावरण क्लीयरेंस मिलने में देरी से निर्माण कार्य पिछड़ने की बात कही जा रही है। इसके निर्माण से प्रतिदिन 25-30 हजार पैसेंजर पर कार यूनिट का दबाव कम होगा।
फाइल फोटो
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और उसके बराबर में नेशनल हाईवे पर वाहनों का अत्यधिक दबाव बढ़ता जा रहा है। एक रोड सेफ्टी सर्वे रिपोर्ट आने के बाद एक्सप्रेसवे पर दबाव कम कैसे किया जाए इस पर मंथन चल रहा है। इसे कब तक और कैसे किया जाए, इसके लिए प्लान बनाया जा रहा है। इस समस्या को देखते हुए निर्माणाधीन दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे का जायजा लिया गया है। यह परियोजना समय सीमा से काफी पिछड़ रही है, चूंकि पर्यावरण क्लीयरेंस मिलने में देरी हुई है। लिहाजा, अब नई समय सीमा निर्धारित की गई है।
आरओबी हो रहा तैयारदरअसल, एक्सप्रेसवे अक्षरधाम मंदिर के सामने से निर्माण कर सड़क का चौड़ीकरण किया जा रहा है। अक्षरधाम मंदिर के सामने कुछ हिस्सा सड़क का चौड़ीकरण किया जा चुका है तो कुछ जगह मिट्टी डालने और नीचे से दीवार बनाने का काम तेजी से जारी है। उसके आगे रेलवे लाइन पर एक अतिरिक्त रेलवे ओवरब्रिज तैयार किया जा रहा है, जिसके लिए पिलर खड़े हो चुके हैं और उनके ऊपर पियर कैप तैयार करने का काम चल रहा है।
70 फीसदी काम पूरा इसके बाद गीता कॉलोनी के सामने भी पुल पर काम चल रहा है। इस पूरे हिस्से में करीब 70 फीसदी काम पूरा किया जा चुका है। रमेश पार्क के पास भी पिलर बन रहे हैं। वहीं,दिल्ली की सीमा में एक्सप्रेसवे का अधिकांश हिस्सा एलिवेटिड कॉरिडोर है। गीता कॉलोनी के साथ रमेश पार्क, शास्त्री पार्क, सिग्नेचर ब्रिज तक का हिस्सा एलिवेटिड कॉरिडोर के जरिए कवर होगा। रमेश पार्क के पास भी एलिवेटिड कॉरिडोर के पिलर तैयार हो गए हैं।
एक्सप्रेसवे के दूसरे चरण में यूपी के लोनी यूपी बॉर्डर से बागपत के खेकड़ा तक एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जा रहा है। इसमें अधिकांश हिस्सा एलिवेटिड है। करीब साढ़े 16 किलोमीटर लंबे इस हिस्से में तेजी से काम चल रहा है। उसके बाद पियर कैप भी 95 फीसदी पिलर पर बनकर तैयार हो गई है।
कार यूनिट का दबाव होगा कमइस नेशनल हाईवे के निर्माण से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर प्रतिदिन 25-30 हजार पैसेंजर पर कार यूनिट का दबाव कम होगा, जो अभी मेरठ एक्सप्रेसवे के माध्यम से उत्तराखंड के साथ ही मुजफ्फरनगर और सहारनपुर तक जाते हैं। इस एक्सप्रेसवे को मार्च 2025 तक पूरा होने के समयावधि है। आपको बता दें कि पहले दो चरण का काम मार्च 2022 तक पूरा किया जाना था, लेकिन प्रोजेक्ट निर्माण से पहले पर्यावरण संबंधित क्लियरेंस मिलने में देरी हुई।
अभी और इंतजारयानी दिल्ली से देहरादून तक एक्सप्रेसवे से सफर करने का सपना देख रहे लोगों को अभी और इंतजार करना होगा। इस एक्सप्रेसवे को तैयार होने में मार्च 2025 तक का समय लगेगा। हालांकि, 32 किलोमीटर लंबे दो पैकेज मार्च तक तैयार हो जाएंगे। अब दिल्ली की सीमा में करीब साढ़े 15 किलोमीटर और गाजियाबाद एवं बागपत की सीमा में करीब साढ़े 16 किलोमीटर लंबे हिस्से का काम पूरी क्षमता से चल रहा है।
इतनी दूरी हुई कमदिल्ली-देहरादून एक्सप्रेस-वे पर अगले 5 माह के भीतर वाहन फर्राटा भरते नजर आ सकते हैं। इस प्रोजेक्ट के निर्माण के बाद न सिर्फ दिल्ली-देहरादून के बीच की दूरी 235 किलोमीटर की जगह 213 किलोमीटर रह जाएगी, बल्कि छह लेन के आकार के चलते यह दूरी महज ढाई घंटे में पूरी कर ली जाएगी। वर्तमान में दिल्ली पहुंचने में कम से कम छह घंटे लग जाते हैं।
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