Delhi: ध्वस्त कर फिर से बनाया जाएगा सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट, मकान मालिकों को मिलेगा इतना किराया
मुखर्जी नगर के बहुमंजिला सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को खतरनाक घोषित करने के दिल्ली नगर निगम के निर्णय को हाई कोर्ट ने बरकरार रखा है। कोर्ट ने सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट बनाने वाले दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) को इमारत को गिराकर दोबारा निर्माण करने का आदेश दिया है।
सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट
दिल्ली: दिल्ली हाई कोर्ट ने मुखर्जी नगर में सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को गिराने के फैसले को बरकरार रखा है। कोर्ट ने सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को गिराने और पुनर्निर्माण के डीडीए के फैसले में कोई फेरबदल नहीं किया। HC ने कहा प्राधिकरण द्वारा आवासीय टावरों के घटिया और घटिया निर्माण के कारण आम नागरिकों को खतरनाक स्थिति में डाल दिया गया है।
घटिया निर्माण घोर लापरवाही
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि DDA द्वारा की गई घोर लापरवाही को माफ नहीं किया जा सकता है, क्योंकि इससे सैकड़ों निवासियों का जीवन बहुत जोखिम और खतरे में पड़ गया है। आदेश में कहा कि संरचनाओं के बीम, स्तंभ और खंभों में चौड़ी और गहरी दरारें आ गई हैं। स्टील की सलाखों में जंग लग गई है और प्रबलित कंक्रीट में भारी जंग लग गई है।
हाई कोर्ट ने कहा कि फ्लैटों की छतों की आंतरिक छत गिरने और बाहरी प्लास्टर के बड़े-बड़े टुकड़े गिरने की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं सिग्नेचर व्यू अपार्टमेंट को संरचनात्मक विशेषज्ञों द्वारा रहने के लिए अनुपयुक्त पाया गया और इसे खतरनाक बताया गया था।
मकान मालिकों को मिलेगा किराया
इसके अलावा डीडीए को आदेश दिया कि भवन खाली करने की तारीख से एचआइजी भवन मालिकों को 50 हजार रुपये प्रतिमाह और एमआइजी भवन मालिकों को 38 हजार रुपये प्रतिमाह किराया दिया जाए। न्यायमूर्ति मिनी पुष्कर्णा की पीठ ने यह भी आदेश दिया कि जब तक कि भवन मालिकों को भवन निर्माण कर कब्जा नहीं दिया जाता है, डीडीए प्रतिवर्ष के अंत में किराए में 10 प्रतिशत की वृद्धि करेगा।
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Pushpendra kumar author
पुष्पेंद्र यादव यूपी के फतेहुपुर जिले से ताल्लुक रखते हैं। बचपन एक छोटे से गांव में बीता और शिक्ष...और देखें
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