Delhi Metro: बिना ड्राइवर के मैजेंटा लाइन पर दौड़ेगी मेट्रो, 1 जुलाई से होगी ड्राइवरलेस
दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन पर 1 जुलाई से बिना ड्राइवर के मेट्रो पटरियों पर दौड़ेगी। जून के आखिरी तक यह लाइन पूरी तरह ऑटोमेटेड हो जाएगी। इसके बाद पिंक लाइन को भी ड्राइवरलेस बनाया जाएगा।
दिल्ली मेट्रो की मैजेंटा लाइन (फोटो साभार - ट्विटर)
Driverless Metro on Magenta Line: दिल्ली मैट्रो की मैजेंटा लाइन 1 जुलाई से ड्राइवरलेस होने वाली है। अगले महीने से इस लाइन पर सभी मेट्रो बिना ड्राइवर के चलेंगी। मैजेंटा लाइन की मेट्रो ट्रेनों से ड्राइवरों के केबिन भी हटाए जा रहे हैं। जिससे की इस जगह का इस्तेमाल यात्रियों के लिए किया जा सके। जून के आखिरी तक मैजेंटा लाइन की मेट्रो पूरी तरह से ऑटोमेटेड हो जाएंगी। ड्राइवरलेस मेट्रो में फिलहाल ट्रेन अटेंडेंट होते हैं। लेकिन अब इन्हें हटा दिया जाएगा और मेट्रो पूरी तरह मानवरहित हो जाएगी। मैजेंटा लाइन के ड्राइवरलेस होने के बाद पिंक लाइन को भी पूरी तरह ड्राइवरलेस बनाया जाएगा।
जुलाई में ड्राइवरलेस बन जाएगी मैजेंटा लाइन
ड्राइवरलेस मेट्रो सबसे पहले मैजेंटा लाइन पर शुरू की गई थी। साल 2020 में ड्राइवरलेस मेट्रो को इस लाइन पर शुरू किया गया था, जोकि अब पूरा होने के कगार पर है। मैजेंटा लाइन को जुलाई से ड्राइवरलेस बन जाएगी। ड्राइवरलेस मेट्रो दो कैमरे की मदद से चलेगी और कंट्रोल रूम से इसपर नजर रखी जाएगी। इनमें एक कैमरा ट्रैक पर नजर रखेगा और दूसरा ओवरहेड केबल पर नजर रखेगा। कोई भी यात्री इमरजेंसी की स्थिति होने पर इमरजेंसी बटन दबाकर मेट्रो को रुकवा सकेगा। साथ ही कैमरे की मदद से कंट्रोल रूम में संपर्क भी कर लेगा।
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कैसे चलती है ड्राइवरलेस मेट्रो
मेट्रो को ड्राइवर के बिना ड्राइवरलेस मेट्रो ट्रेन ऑपरेशन (DTO) मोड के जरिए चलाया जाता है। इस दौरान डीएमआरसी के कमांड सेंटरों से मेट्रो ट्रेन को कंट्रोल किया जाता है। जिसमें कोई भी मानवी हस्तक्षेप नहीं होता है। ड्राइवरलेस मेट्रो संचार आधारित ट्रेन नियंत्रण (CBCT) सिग्नलिंग टेक्नोलॉजी के जरिए चलती है। इस दौरान रियल टाइम में ट्रेनों के उपकरण की निगरानी होती है। ड्राइवरलेस ट्रेन टेक्नोलॉजी का एक पैरामीटर होता है, जिसे ग्रेड्स ऑफ ऑटोमेशन (GOA) कहते हैं।
- जीओए की फर्स्ट टेक्नोलॉजी में ट्रेन को ड्राइवर के द्वारा चलाया जाता है।
- GOA की दूसरी और तीसरी टेक्नोलॉजी में ट्रेन ऑटोमैटिक तरीके से रुकती है। ड्राइवर सिर्फ ट्रेन के गेट को खोलने और इमरजेंसी की स्थिति में ही ट्रेन चलाता है।
- GOA की फोर्थ टेक्नोलॉजी में ट्रेन पूरी तरह से ऑटोमेटेड हो जाती है।
काफी समय से ट्रायल जारी
डीएमआरसी के पास इस तरह की टेक्नोलॉजी साल 2017 से है। अब मैजेंटा लाइन को पूरी तरह से GOA खी फोर्थ टेक्नोलॉजी के आधार पर चलाया जाएगा। इसके लिए इस लाइन पर काफी समय से ट्रायल भी जारी है। 1 जुलाई से मैंजेटा लाइन पर सभी मेट्रो ड्राइवर के बिना चलेंगी। हालांकि कुछ मेट्रो के ड्राइवर केबिन को नहीं हटाया जाएगा। जिससे 4-5 ट्रेने के पीछे एक ड्राइवर केबिन वाली मेट्रो चल सके। ट्रेन अटेंडेट्स को चरणबद्ध तरीके से हटाया जाएगा।
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