Delhi: हिंदी, संस्कृत, उर्दू... किस विधायक ने किस भाषा में ली शपथ? देख लीजिए पूरी डिटेल

Delhi MLA's Oath: दिल्ली विधानसभा में आज विधायकों की शपथ हुई। विधायकों ने उर्दू, संस्कृत सहित छह भाषाओं में शपथ ली। इसमें संस्कृत, उर्दू के अलावा हिंदी, अंग्रेजी, मैथिली और पंजाबी भाषा शामिल है। कानून एवं न्याय मंत्री कपिल मिश्रा ने संस्कृत में शपथ ग्रहण की। आपको इस रिपोर्ट में पूरी डिटेल बताते हैं।

Delhi MLA's Oath

दिल्ली के विधायकों ने हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, मैथिली और पंजाबी सहित छह भाषाओं में शपथ ली।

Delhi News: नवगठित दिल्ली विधानसभा का पहला सत्र सोमवार को शुरू हुआ, जिसमें विधायकों ने हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, उर्दू, मैथिली और पंजाबी सहित छह भाषाओं में शपथ ली, जो विधायिका की भाषाई विविधता को दर्शाता है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 26 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी की है। ऐसे में भाजपा विधायक सदन में सत्ता पक्ष के सदस्यों के लिए निर्धारित स्थान यानी विधानसभा अध्यक्ष के आसन के दाहिने ओर बैठे।

सत्र शुरू होने से पहले राज निवास में उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने भाजपा विधायक अरविंदर सिंह लवली को दिल्ली की आठवीं विधानसभा के ‘प्रोटेम स्पीकर’ (अस्थायी अध्यक्ष) के रूप में शपथ दिलाई। इसके बाद, लवली ने सबसे वरिष्ठ विधायक होने के नाते सभी नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाई।

कपिल मिश्रा ने संस्कृत में शपथ ग्रहण की

सबसे पहले मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने और फिर उनके मंत्रिमंडल में शामिल छह मंत्रियों ने शपथ ग्रहण की। इसके बाद पीडब्ल्यूडी मंत्री प्रवेश साहिब सिंह वर्मा और गृह मंत्री आशीष सूद ने शपथ ली। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने पंजाबी में, जबकि कानून एवं न्याय मंत्री कपिल मिश्रा ने संस्कृत में शपथ ग्रहण की।

‘प्रोटेम स्पीकर’ ने धार्मिक नारे पर आपत्ति जताई

कई अन्य विधायकों ने अलग-अलग भाषाओं में शपथ ली। करनैल सिंह ने शपथ ग्रहण के लिए पंजाबी, जबकि प्रद्युम्न राजपूत और नीलम पहलवान ने संस्कृत को चुना। वहीं, भाजपा के तरविंदर मारवाह ने शपथ ग्रहण के बाद धार्मिक नारे लगाए, जिस पर ‘प्रोटेम स्पीकर’ ने आपत्ति जताई और उन्हें याद दिलाया कि यह गुरुद्वारा नहीं है।

चंदन चौधरी ने भी मैथिली में ली शपथ

अमानतुल्ला खान और चौधरी जुबैर ने उर्दू, चंदन चौधरी ने मैथिली, अजय दत्त ने अंग्रेजी और गजेंद्र यादव ने संस्कृत में शपथ ली। इस दौरान, ‘प्रोटेम स्पीकर’ सदस्यों को लगातार शपथ के आधिकारिक प्रारूप का पालन करने का निर्देश देते रहे। संस्कृत में शपथ ग्रहण करने वाले अन्य विधायकों में संजय गोयल, जितेंद्र महाजन, अजय महावर और करनैल सिंह शामिल हैं। वहीं, अनिल झा ने मैथिली में शपथ ग्रहण की।

शपथ लेने वाले आखिरी विधायक मोहन बिष्ट

विपक्ष की नेता और कालकाजी सीट से विधायक आतिशी ने भी शपथ ली। वहीं, चलने में दिक्कत के कारण गोपाल राय ने आतिशी की मदद से अपनी सीट से ही शपथ ली। मोहन सिंह बिष्ट शपथ लेने वाले आखिरी विधायक थे। भाजपा ने पांच फरवरी को हुए विधानसभा चुनावों में 70 में से 48 सीट जीतकर निर्णायक जीत हासिल की और आम आदमी पार्टी (आप) के एक दशक लंबे शासन को समाप्त कर दिया।

सत्ता में वापसी के साथ ही भाजपा के विधायक सदन में विधानसभा अध्यक्ष के आसन के दाईं ओर बैठे, जबकि 22 सीट जीतने वाली ‘आप’ के सदस्य विपक्ष के लिए निर्धारित स्थान पर यानी अध्यक्ष के आसन के बाईं ओर बैठे। ‘आप’ विधायकों ने दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी को सर्वसम्मति से विधानसभा में विपक्ष का नेता चुना है।

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आयुष सिन्हा author

मैं टाइम्स नाउ नवभारत (Timesnowhindi.com) से जुड़ा हुआ हूं। कलम और कागज से लगाव तो बचपन से ही था, जो धीरे-धीरे आदत और जरूरत बन गई। मुख्य धारा की पत्रक...और देखें

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