Delhi Fraud: वित्त मंत्रालय का अधिकारी बन सैकड़ों से ठग, गिरोह का भांडाफोड़
Delhi Fraud: दिल्ली में वित्त मंत्रालय के नाम से ठगी करने वाले एक बड़े गैंग का खुलासा हुआ है। यह गैंग उत्तर भारत के शहरों में उन बीमा पॉलिसी धारकों को निशाना बनाता था, जिनकी पॉलिसी लैप्स हो जाती या फिर मैच्यौर हो जाती है। ये आरोपी बीमा राशि दिलाने का झांसा देकर लोगों के साथ ठगी करते थे।
वित्त मंत्रालय के नाम पर ठगी करने वाले चार गिरफ्तार (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
- गैंग के सदस्य उत्तर भारत के बीमा पॉलिसी धारकों से करते थे ठगी
- आरोपी लैप्स ओर मैच्यौर पॉलिसी वालों को बनाते थे शिकार
- पुलिस ने चार आरोपियों को दबोचा, मिली कई अहम जानकारियां
Delhi Fraud: राजधानी दिल्ली में ठगी के एक ऐसे गैंग का पर्दाफाश हुआ है, जो वित्त मंत्रालय के नाम पर ठगी करता था। यह गैंग उत्तर भारत के शहरों में बीमा पॉलिसी धारकों को अपना शिकार बनाता था। गिरोह के सदस्य उन पॉलिसी धारकों से संपर्क करते जिनकी बीमा पॉलिसी किसी कारणवश लैप्स हो जाती थी या जिनकी पॉलिसी मैच्यौर हो जाती। ऐसे लोगों को पैसा दिलाने का झांसा देकर ये आरोपी उन्हें ठगी का शिकार बनाते। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने इस गैंग से जुड़े चार ठगों को गिरफ्तार कर पूरे मामले का खुलासा किया है। गिरफ्तार किए गए आरोपितों के नाम मेहताब आलम, मोहम्मद जुनैद, सरताज खान और दीन मोहम्मद है।
दिल्ली पुलिस की जांच में पता चला है कि, ये आरोपी पॉलिसी धारकों को अपने विश्वास में लेने के लिए उन्हें वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण व वित्त मंत्रालय के अन्य अधिकारियों का फर्जी हस्ताक्षर हुआ पत्र भेजते थे। इसके बाद उनका पैसा रिलीज कराने के नाम पर ठगी का पूरा खेल शुरू होता। ये आरोपी पॉलिसी धारकों से अलग-अलग एवज में पैसों की मांग करते थे। आरोपित पॉलिसी धारकों से आरबीआई, आईआरडीए, वित्त मंत्रालय अथवा बीमा अधिकारी बनकर बात करते थे। आरोपियों के पास से पुलिस को सात मोबाइल फोन, एक लैपटॉप व कई एटीएम कार्ड मिले हैं। इसके अलावा 3000 बीमा पॉलिसी धारकों का डाटा शीट, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, भारतीय रिजर्व बैंक के क्षेत्रीय निदेशक एसएमएन स्वामी और विभिन्न जीवन बीमा कंपनियों के अधिकारियों के फर्जी हस्ताक्षर वाले पत्र मिले हैं।
स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने दबोचाडीसीपी आईएफएसओ प्रशांत गौतम ने बताया कि, इन आरोपियों द्वारा कुछ पॉलिसी धारकों को वित्त मंत्री का फर्जी हस्ताक्षर युक्त पत्र भेजे गए थे। जिसकी शिकायत वित्त मंत्रालय में की गई। जिसके बाद पूरी जांच की जिम्मेदारी स्पेशल सेल के आईएफएसओ यूनिट को सौंपी गई। जांच के दौरान पुलिस टीम ने इन चारों आरोपियों को दिल्ली की अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार किया। जांच में पता चला है कि, इन सभी आरोपितों के पास बीमा कंपनियों में काम करने का अनुभव है। ये आरोपी बीमा कंपनियों से डाटा चोरी कर ग्राहकों को कॉल कर उनकी डूबी हुई बीमा रकम दिलाने का झांसा देते। इसके बाद उन्हें आरबीआई और आईआरडीए के नाम से फर्जी ई-मेल भेजकर विश्वास में लेते थे। इसके बाद पीड़ितों को जाली चेक भेजकर उनसे कई तरह से वसूली करते थे।
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