ढाई साल से चकमा दे रहा था दिल्ली दंगे का आरोपी, एक गलती की और चढ़ गया पुलिस के हत्थे

Mohammed Wasim : मोहम्मद वसीम ने पिछले महीने अपने पड़ोसी को फोन किया था। अपने इस कॉल में उसने अपने पड़ोसी से पूछा, 'मैं बस इतना जानना चाहता हूं कि क्या मेरा घर ठीक है या इसे पुलिस ने गिरा दिया है। क्या किसी ने मेरे घर पर कब्जा किया है?'

2020 के दिल्ली दंगों के दौरान हुई हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या।

मुख्य बातें
  • फरवरी 2020 में सीएए के खिलाफ उत्तर पूर्वी दिल्ली में करीब 5 दिनों तक हुए दंगे
  • दंगों में करीब आईबी अधिकारी अंकित शर्मा, रतन लाल सहित 53 लोगों की मौत हुई
  • मोहम्मद वसीम पर दंगों की साजिश रचने और पुलिसकर्मियों पर हमला करने का आरोप है

Mohammed Wasim : कहते हैं कानून के हाथ लंबे होते हैं, कोई भी अपराधी इससे बच नहीं सकता। करीब ढाई साल से पुलिस को चकमा दे रहा दिल्ली दंगे का आरोपी मोहम्मद वसीम (33) आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गया। 2020 के दिल्ली दंगों में वांछित वसीम अलीगढ़ से गिरफ्तार हुआ है। उस पर हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या में शामिल होने और 50 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को घायल करने का आरोप है। वसीम दंगे के बाद से फरार हो गया था और फरारी काट रहा था। लेकिन उसकी एक गलती उस पर भारी पड़ गई।

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ऐसे चढ़ा पुलिस के हत्थे

वसीम ने पिछले महीने अपने पड़ोसी को फोन किया था। अपने इस कॉल में उसने अपने पड़ोसी से पूछा, 'मैं बस इतना जानना चाहता हूं कि क्या मेरा घर ठीक है या इसे पुलिस ने गिरा दिया है। क्या किसी ने मेरे घर पर कब्जा किया है?' अपनी इस कॉल की वजह से वसीम पुलिस की रडार में आ गया। रिपोर्टों के मुताबिक पुलिस का कहना है कि फरार होने के बाद से वसीम यूपी के अलग-अलग हिस्सों में छिपता रहा। इसके बाद वह फर्जी नाम से अलीगढ़ में रहने लगा। पुलिस के मुताबिक फरार होने के बाद उसने कभी अपने परिवार से संपर्क नहीं किया। दंगों के बाद से उसका परिवार भी दयालपुर में स्थित अपने घर को छोड़कर चला गया।

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कांस्टेबल लाल पर हमला करने वालों में शामिल था वसीम

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