Delhi News : राजधानी में 54 लाख वाहनों का रजिस्ट्रेशन कैंसल, कहीं आपका वाहन भी तो शामिल नहीं
Delhi News : दिल्ली में परिवहन विभाग ने 27 मार्च तक के शहर भर में 54 लाख से भी ज्यादा पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन कैंसल कर दिया है।
दिल्ली परिवहन विभाग ने पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया। (सांकेतिक चित्र)
Delhi News : दिल्ली में परिवहन विभाग ने वाहनसवारों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एक बड़ा कदम उठाया है। डिपार्टमेंट ने 27 मार्च तक के शहर भर में 54 लाख से भी ज्यादा पुराने वाहनों का रजिस्ट्रेशन कैंसल कर दिया है। रद्द किए गए इन वाहनों के पंजीकरण में मोटरसाइकिल, कैब, ऑटो को शामिल किया गया है। यह खुलासा विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों से हुआ है। गैर पंजीकृत वाहनों में 1900 एवं 1901 से पूर्व के रजिस्टर्ड वाहनों को भी सम्मिलित किया गया है। बता दें कि 2018 के सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय में 15 साल से भी पुराने हो चुके पेट्रोल वाहनों को राजधानी में प्रतिबंधित कर दिया गया था।
उल्लंघन करने पर होगा एक्शन
विभाग ने कहा है कि गाइडलाइन जारी करने के बाद भी यदि कोई वाहनसवार नियमों का उल्लंघन करता है तो उसके वाहन को उसी समय हम (विभाग) अपने कब्जे में ले लेंगे। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने इससे पहले 2014 में एक नियम जारी किया था, जिसके मुताबिक 15 साल से भी अधिक पुराने हो चुके वाहनों को यदि किसी भी सार्वजनिक स्थल पर पार्क किया गया तो वाहन के स्वामी पर उचित कार्रवाई की जाएगी।
क्या कहते हैं आंकड़े
परिवहन विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों की बात करें तो 27 मार्च तक साउथ दिल्ली-1 में रिकॉर्ड स्तर पर वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया गया था। इनमें 9,285 तिपहिया वाहन और 25,167 कैब के संचालन पर रोक लगाई गई थी। वहीं, सराय काले खां से 4,96,086, रोहिणी से 6,56,201, माल रोड जोन से 2,90,127, वजीरपुर से 1,65,048, द्वारका से 3,04,677, बुराड़ी से 25,167, आईपी डिपो से 3,27,034, साउथ दिल्ली-1 से 9,99,999, साउथ दिल्ली- 2 से 1,69,784, राजा गार्डन से 1,95,626, मयूर विहार से 2,99,788, जनकपुरी से 7,06,921 और लोनी से 4,35,408 वाहनों का पंजीकरण रद्द किया गया है।
कैसे होती है कार्रवाई
विभाग के अधिकारियों ने बताया है कि 29 मार्च को वाहनों को स्क्रैपिंग के लिए भेजे जाने के अभियान की शुरुआत की गई थी। इसके तहत पहले विभागीय टीम कुछ क्षेत्रों को चिह्नित करती है और फिर उसके बाद उन्हीं क्षेत्रों में बारीकी से जांच करती है। इस दौरान पुरानी हो चुकी गाडि़यों के स्वामियों से NOC प्राप्त कर उन प्रांतों में भेजे जाने का अनुरोध किया जाता है जहां उन वाहनों की फिटनेस को देखते हुए उनके संचालन पर कोई रोक-टोक नहीं है। अफसरों ने ये भी बताया कि यदि ऐसे वाहन इसके बाद भी राजधानी की सड़कों दिखते हैं तो विभाग उन्हें जब्त कर स्क्रैपर को उनके बेचे जाने के लिए बाध्य होगा।
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शाश्वत गुप्ता author
पत्रकारिता जगत में पांच साल पूरे होने जा रहे हैं। वर्ष 2018-20 में जागरण इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट ए...और देखें
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