Delhi Crime: ठगी के इतने आइडिया लाते कहां से हो भाई! दो भाइयों ने मिलकर 200 से ज्यादा लोगों को ठगा
Delhi Crime: दिल्ली की साइबर थाना पुलिस ने ठगी के एक मामले में बड़ा खुलासा करते हुए दो सगे भाइयों को गिरफ्तार किया है। मथुरा के रहने वाले ये आरोपी पिछले तीन साल से लोगों को ठग रहे थे और अब तक 200 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं। आरोपी हर बार अपने ठगी का तरीका बदल लेते थे। आरोपियों ने दिल्ली के एक व्यक्ति से 93 हजार रुपये ठगे थे।
सैकड़ों लोगों को ठगने वाले दो शातिर ठग भाई गिरफ्तार ( प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
- दोनों आरोपियों ने तीन साल में 200 लोगों को बनाया शिकार
- कोरोना में नौकरी जाने के बाद दोनों भाइयों ने शुरू की ठगी
- आरोपी दिल्ली के अलावा, यूपी, राजस्थान और हरियाणा में भी कर चुके ठगी
Delhi Crime: दिल्ली की साइबर थाना पुलिस ने ठगी के एक मामले में बड़ा खुलासा किया है। दिल्ली पुलिस ने ठगी के आरोप दो ऐसे सगे भाइयों को गिरफ्तार किया है। ये शातिर अब तक 200 से ज्यादा लोगों के साथ ठगी कर चुके हैं। इन आरोपितों की पहचान यूपी के मथुरा जिले के गांव मडौरा के रहने वाले मुस्तकीम व इरशाद खान के रूप में हुई है। इन आरोपितों के पास से तीन मोबाइल भी बरामद किए गए हैं। पुलिस के अनुसार ये दोनों आरोपी पिछले करीब तीन साल से ठगी कर रहे थे। इन्होंने दिल्ली के अलावा यूपी, हरियाणा और राजस्थान में भी ठगी की है। पुलिस गिरफ्तारी से बचने के लिए दोनों आरोपित लगातार अपना ठिकाना बदलते रहते थे।संबंधित खबरें
उत्तर-पश्चिमी जिला पुलिस ने बताया कि बीते जुलाई में जहांगीरपुरी के रहने वाले एक शिकायतकर्ता ने बताया कि उनके पास एक फोन कॉल आया था। फोन करने वाले ने खुद को उनके पिता का दोस्त बताते हुए कहा था कि उसने कुछ साल पहले उनके पिता से 25 हजार रुपये उधार लिए थे। अब वह उन पैसों को लौटाना चाहता है। इसके बाद उसने पैसे देने के लिए शिकायतकर्ता के फोन पर कुछ लिंक भेजे। जब शिकायतकर्ता ने उन लिंक पर क्लिक किया तो उसके बैंक खाते से 93 हजार रुपये निकल गए।संबंधित खबरें
शातिर आरोपी हर बार बदलते थे ठगी का तरीका
शिकायत दर्ज होने के बाद साइबर पुलिस ने जांच में जुट गई। पुलिस टीम ने तकनीकी निगरानी के माध्यम से आरोपितों के बैंक खातों का पता लगाया और फिर आरोपितों को ट्रैक करते हुए उन्हें नोएडा से गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों आरोपियों से पूछताछ में कई हैरान करने वाले खुलासे हुए हैं। दोनों आरोपियों ने बताया कि वे पहले एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते थे, लेकिन कोरोना के समय जॉब जाने के बाद उन्होंने ठगी शुरू कर दी। ये आरोपी हर बार अपने ठगी का तरीका बदल लेते थे। ये कभी अधिकारी बनकर लोगों को ठगते तो कभी दोस्त और रिश्तेदार बनकर। दोनों आरोपी राह चलते भी लोगों को अपना शिकार बनाते। पुलिस अधिकारियों के अनुसार आरोपी इरशाद खान को टेक्नोलॉजी का अच्छा नॉलेज है। वह साइबर ठगी के माध्यम से लोगों को अपना शिकार बनाता। दोनों ठग भाइयों ने मिलकर अब तक 200 से ज्यादा लोगों के साथ लाखों रुपये की ठगी की बात स्वीकारी हैसंबंधित खबरें
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