DUSU Election Result: DU में ABVP ने मारी बाजी, अध्यक्ष समेत 3 पदों पर कब्जा,NSUI के हिस्से उपाध्यक्ष पोस्ट
DUSU Election 2023: फीस वृद्धि, किफायती आवास का अभाव, कॉलेज में विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के दौरान सुरक्षा बढ़ाई जाना और मासिक धर्म अवकाश चुनाव में छात्रों के लिए मुख्य मुद्दे रहे।
तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है।
DUSU Election 2023: दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के छात्रसंघ चुनाव (डूसू) के नतीजे आ गए हैं। डीयू में इस बार एबीवीपी ने बाजी मार ली है। ABVP ने तीन सीटों पर कब्जा जमाया है, जबकि NSUI के हिस्से एक सीट आई है। अध्यक्ष, सचिव और संयुक्त सचिव पर भाजपा की छात्र इकाई ABVP ने जीत हासिल की है। वहीं उपाध्यक्ष पर कांग्रेस की छात्र इकाई NSUI के हिस्से में गई है।
चुनाव से पहले ही असल टक्कर एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच मानी जा रही थी। इस बार के चुनाव के लिए 24 उम्मीदवार मैदान में थे। चुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रोफेसर चंद्रशेखर ने बताया कि इन चुनावों में 42 प्रतिशत मतदान हुआ। चुनाव में करीब एक लाख छात्र मतदान करने के योग्य थे।
कांग्रेस से संबद्ध ‘नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया’ (एनएसयूआई) ने 17 कॉलेज (दिन की पाली वाले कॉलेज) में चुनाव जीतने का दावा किया था, जबकि आरएसएस समर्थित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने 34 में जीत का दावा किया था।
एबीवीपी, एनएसयूआई, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी समर्थित ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा-माले) से संबद्ध ‘ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ (एआईएसए) ने सभी चार पदों के लिए उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा था। लेकिन उसे एक भी सीट नहीं मिली है।
रोचक बात है कि कैंपस में साल 2019 के बाद अब चुनाव हुए हैं। केंद्रीय पैनल के लिए 52 कॉलेज और विभागों में चुनाव ईवीएम के माध्यम से कराए गए, जबकि कॉलेज संघ चुनावों के लिए मतदान कागजी मतपत्र पर हुआ।
कोविड-19 महामारी के चलते साल 2020 और 2021 में चुनाव नहीं कराए जा सके थे, जबकि शैक्षणिक कैलेंडर में संभावित व्यवधानों के चलते 2022 में इसका आयोजन नहीं हुआ था। 2019 में हुए डूसू चुनाव में मतदान प्रतिशत 39.90 रहा था जबकि 2018 और 2017 में मतदान प्रतिशत क्रमश: 44.46 और 42.8 फीसदी रहा था। एबीवीपी ने 2019 डूसू चुनाव में चार पदों में से तीन पर जीत दर्ज की थी।
दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकतर कॉलेजों और संकायों के लिए डूसू मुख्य प्रतिनिधि निकाय है। हर कॉलेज का अपना अलग छात्र संघ भी है, जिसके लिए हर साल चुनाव होता है। वैसे, इन चुनावों में राजनीतिक दल विभिन्न संगठनों को समर्थन देते हैं, ऐसे में ये चुनाव युवा मतदाताओं के मिजाज को भांपने का एक तरीका हैं। इस साल के चुनाव इसलिए महत्वपूर्ण हैं क्योंकि ये लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले हुए हैं।
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अभिषेक गुप्ता author
छोटे शहर से, पर सपने बड़े-बड़े. किस्सागो ऐसे जो कहने-बताने और सुनाने को बेताब. कंटेंट क्रिएशन के साथ...और देखें
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