दिल्ली का इकलौता बांध, जिसका नाम भी आपने नहीं सुना होगा

दिल्ली में कोई बांध भी है? ऊपर हेडिंग पढ़कर ज्यादातर लोगों का रिएक्शन यही हो सकता है। क्योंकि जहां यह बांध है, उसके आसपास भी लोगों को इस बांध के बारे में जानकारी नहीं है। आज से लगभग 700 साल पहले तुगलक काल में यह बांध बनाया गया था। चलिए जानते हैं सतपुला डैम के बारे में -

दिल्ली का सतपुला डैम और ब्रिज

दिल्ली सदियों से सत्ता का केंद्र रही है। देश पर राज करने वाले तमाम बड़े-बड़े राजवंशों ने भी दिल्ली को अपनी राजधानी बनाया। बाहरी आक्रांताओं ने भी जब हिंदुस्तान पर कब्जे का मंसूबा पाला तो उनकी सैन्य टुकड़ियों का रुख दिल्ली की ओर ही हुआ। अंग्रेजों ने भी साल 1911 में अपनी राजधानी कलकत्ता से दिल्ली शिफ्ट कर ली। इतनी सदियों में दिल्ली ने बहुत कुछ देखा। दिल्ली अपने अंदर इतिहास के इतने राज समेटे हुए है कि इनमें से बहुत के बारे में तो लोगों को जानकारी ही नहीं है। ऐसी ही भूली-बिसरी जगहों को हम घुमक्कड़ी के माध्यम से आप तक पहुंचाते हैं। आज बात दिल्ली के एक ऐसे बांध की, जिसे 700 साल पहले दिल्ली में सिंचाई के लिए बनाया गया और इसने बाहरी आक्रमण में दिल्ली की रक्षा भी की। तो चलिए जानते हैं सतपुला डैम और ब्रिज के बारे में।

कहां है सतपुला ब्रिज

सतपुला ब्रिज दक्षिणी दिल्ली में है। यह साकेत में मालवीय नगर के पास खिड़की गांव में मौजूद है। 700 साल से ज्यादा पुराना सतपुला ब्रिज यहां इतनी खामोशी से खड़ा है कि यहां आसपास के लोगों को भी इसके बारे में कम ही जानकारी है। यह सलेक्ट सिटी वॉक मॉल के से सिर्फ 200-300 मीटर की दूरी पर मौजूद है। सलेक्ट सिटी वॉक के पास मौजूद सतपुला लेक और पार्क के अंदर से होते हुए आप सतपुला ब्रिज और डैम तक आसानी से पहुंच जाएंगे। एक स्थानीय नदी के पानी को रोकने के लिए यह बांध बनाया गया था, जो संभवत: यमुना नदी की सहायक नदी थी।

सतपुला डैम को किसने बनवाया

सतपुला डैम और ब्रिज को 1325-1351 के बीच दिल्ली पर राज करने वाले सुल्तान मुहम्मद बिन तुगलक ने बनवाया था। इस डैम को दिल्ली क्वार्ट्ज पत्थर से बनाया गया है, जो अरावली की पहाड़ियों में मिलता है। यहां पर सात आर्च ब्रिज हैं, जिसके कारण इसका नाम सतपुला ब्रिज रखा गया है। सदियां गुजर जाने के बावजूद दिल्ली का यह संभवत: पहला बांध आज भी यथावत खड़ा है। हालांकि, अब इसका इस्तेमाल बांध की तरह नहीं होता।

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