Delhi: ब्रिटिशकाल से चले आ रहे सिस्टम को किया गया खत्म, अब FIR में उर्दू-फारसी के शब्द लिखने पर होगा एक्शन
Delhi: हमेशा से देखा गया है कि आमतौर पर FIR लिखते समय, चार्जशीट दायर करते समय, यहां तक कि डीडी एंट्री करते वक्त उर्दू फारसी के ऐसे शब्दों का उपयोग किया जाता है जो आमतौर पर बोलचाल की भाषा में इस्तेमाल नहीं किया जाता। इस मामले में 2018 में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी।
मुख्य बातें
- उर्दू और फारसी के शब्द लिखने पर रोक
- FIR में अब उर्दू के शब्द लिखने पर होगा एक्शन
- दिल्ली पुलिस कमिश्नर के तरफ से जारी सर्कुलर
सैंकड़ों शब्दों पर पाबंदी
अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर वो कौन से शब्द हैं, जो अब किसी भी नए FIR कॉपी में देखने को नहीं मिलेंगे। इस सर्कुलर में 383 उर्दू-फारसी के शब्द दिए गए हैं, जिनका ट्रांसलेशन हिंदी और अंग्रेजी में दिया गया है, अब एफआईआर लिखने में में अब उर्दू-फारसी की जगह इन शब्दों का इस्तेमाल किया जाएगा।
Delhi police
दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया था आदेश
दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने यह सर्कुलर जारी किया है। हमेशा से देखा गया है कि आमतौर पर FIR लिखते समय, चार्जशीट दायर करते समय, यहां तक कि डीडी एंट्री करते वक्त उर्दू फारसी के ऐसे शब्दों का उपयोग किया जाता है जो आमतौर पर बोलचाल की भाषा में इस्तेमाल नहीं किया जाता। इस मामले में 2018 में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी। जिस पर 7 अगस्त 2019 में उच्च न्यायालय ने आदेश पारित किया था और कहा था कि FIR शिकायतकर्ता के शब्दों में ही दर्ज होनी चाहिए। बहुत अधिक कठिन भाषा का उसमें प्रयोग नहीं होना चाहिए।
क्या कहा था कोर्ट ने
कोर्ट की तरफ से यह भी कहा गया कि पुलिस आम जनता के लिए काम करती है ना कि उन लोगों के लिए जिन्होंने उर्दू, फारसी, इंग्लिश और हिंदी में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल की है। आने वाले समय में अगर इस नए सिस्टम को नहीं फॉलो किया गया तो अनुशासनात्मक करवाई की जा सकती है।
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भावना किशोर author
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मूल की भावना ने देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIMC से 2014 में पत्रकारिता की पढ़...और देखें
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