Delhi: ब्रिटिशकाल से चले आ रहे सिस्टम को किया गया खत्म, अब FIR में उर्दू-फारसी के शब्द लिखने पर होगा एक्शन

Delhi: हमेशा से देखा गया है कि आमतौर पर FIR लिखते समय, चार्जशीट दायर करते समय, यहां तक कि डीडी एंट्री करते वक्त उर्दू फारसी के ऐसे शब्दों का उपयोग किया जाता है जो आमतौर पर बोलचाल की भाषा में इस्तेमाल नहीं किया जाता। इस मामले में 2018 में एक जनहित याचिका दाखिल की गई थी।

मुख्य बातें
  • उर्दू और फारसी के शब्द लिखने पर रोक
  • FIR में अब उर्दू के शब्द लिखने पर होगा एक्शन
  • दिल्ली पुलिस कमिश्नर के तरफ से जारी सर्कुलर

Delhi: ब्रिटिशकाल से उर्दू-फारसी के शब्दों का इस्तेमाल FIR में किया जाता रहा है, जिसे अब खत्म कर दिया गया है। दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने इसे लेकर सर्कुलर जारी किया है। सर्कुलर में कहा गया है कि अगर कोई भी पुलिसकर्मी और पुलिस अधिकारी FIR में उर्दू-फारसी के शब्दों का इस्तेमाल करते हैं तो उनपर एक्शन लिया जाएगा। दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा की तरफ से 11 अप्रैल को यह सर्कुलर जारी हुआ था।

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सैंकड़ों शब्दों पर पाबंदी

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अब आप सोच रहे होंगे कि आखिर वो कौन से शब्द हैं, जो अब किसी भी नए FIR कॉपी में देखने को नहीं मिलेंगे। इस सर्कुलर में 383 उर्दू-फारसी के शब्द दिए गए हैं, जिनका ट्रांसलेशन हिंदी और अंग्रेजी में दिया गया है, अब एफआईआर लिखने में में अब उर्दू-फारसी की जगह इन शब्दों का इस्तेमाल किया जाएगा।

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