DTC कर्मियों की हड़ताल से सड़कों पर कम दिखी बसें, परेशान यात्रियों ने लिया मेट्रो का सहरा, दिखी भारी भीड़

दिल्ली में डीटीसी के संविदा कर्मचारियों की हड़ताल के कारण 50 फीसदी कम बसें सड़कों पर उतरी। जिसकी वजह से लोगों को परेशानी हो रही है। कम बसों के चलते लोगों ने मेट्रो की ओर रुख किया। जिसकी वजह से मेट्रो में भी ज्यादा भीड़ देखने को मिली। ये संविदा कर्मी पक्की नौकरी की मांग को लेकर हड़ताल पर हैं।

हड़ताल से यात्रियों को हुई परेशानी (सांकेतिक फोटो)

DTC Staff Strike: दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के संविदा बस चालकों और कंडक्टरों की हड़ताल के कारण दिल्ली में यात्रियों को सोमवार को खासी असुविधा का सामना करना पड़ा। डीटीसी कर्मी समान वेतन और बेहतर कामकाजी परिस्थितियों की मांग को लेकर हड़ताल कर रहे थे, जिससे सार्वजनिक परिवहन में बाधा देखने को मिली। डीटीसी ने बाद में अनुबंधित कर्मचारियों की मांगों और शिकायतों पर विचार करने के लिए अधिकारियों की एक समिति बनाई।

मेट्रो में दिखी भारी भीड़

डीटीसी के संविदा कर्मियों की हड़ताल के कारण सड़कों पर बसें कम आई, जिससे यात्रियों को काफी परेशानी हुई। हड़ताल की वजह से हजारों की संख्या में यात्री फंस गए,जिससे कई लोगों को मेट्रो का सहारा लेना पड़ा। मेट्रो में सफर करने वाले लोगों की संख्या में अचानक वृद्धि के कारण कई मेट्रो स्टेशनों पर भारी भीड़ हो गई, जिससे लोगों को देरी हुई और यात्रियों में निराशा देखने को मिली। दिल्ली में बस स्टॉप और मेट्रो स्टेशनों पर अफरा-तफरी के दृश्य सोशल मीडिया पर वायरल भी हुए।

28 हजार कर्मचारी संविदा पर कार्यरत

डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने दावा किया कि करीब 28,000 डीटीसी कर्मचारी अनुबंध पर कार्यरत हैं। उन्होंने बताया कि अनुबंध पर काम करने वालों में 100 प्रतिशत कंडक्टर और लगभग 80 प्रतिशत ड्राइवर अस्थायी रूप से काम पर रखे गए हैं। चौधरी ने यह भी कहा कि स्थायी कर्मचारियों के समान कार्य करने के बावजूद, उनका वेतन स्थायी कर्मचारियों की तुलना में पांचवा हिस्सा है। संविदा कर्मियों की मांग है कि उनको पक्की नौकरी दी जाए और समान काम-समान वेतन व्यवस्था को लागू किया जाएगा।

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