दिल्ली में 'बे'बस हो जाएंगे लोग, DTC कर्मचारी कर रहे चक्का जाम की तैयारी

डीटीसी के संविदा कर्मियों को परमानेंट करने की लंबे समय से मांग उठ रही है। इसके लिए बीते दो महीने में यूनियन द्वारा 2 बार धरना दिया गया है। कहा जा रहा है कि इस बार भी यदि मांगे पूरी नहीं की गई तो 9 दिसंबर को डिपो पर सभी कार्य बंद रहेंगे और बसों का चक्का जाम किया जाएगा।

9 नवंबर को दिल्ली में बसों का चक्का जाम

Delhi News: डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन के पदाधिकारी द्वारा कॉन्ट्रैक्ट वर्कर को परमानेंट नौकरी देने और समान कार्य के लिए समान वेतन देने की मांग की जा रही है। यूनियन के लोगों का कहना है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह कामकाज बंद कर बसों का चक्का जाम कर देंगे। ऐसी स्थिति में बसों से यात्रा करने वाले यात्रियों के साथ अन्य लोगों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। डीटीसी कर्मचारी एकता यूनियन अपनी मांगों को पूरा करने के लिए आंदोलन की तैयारी में जुटे हुए हैं।

कॉन्ट्रैक्ट वर्कर के लिए परमानेंट नौकरी की मांग

यूनियन के अध्यक्ष ललित चौधरी ने कहा कि दिल्ली परिवहन निगम में करीब 27 हजार कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर काम करते हैं। इसमें कई कर्मचारी पिछले 10 से 15 सालों से कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे हैं। उन्हें परमानेंट नौकरी नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि उनकी मांग है कि संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) कर्मचारियों को स्थायी (परमानेंट) नौकरी दी जाए, समान कार्य-समान वेतन, प्राइवेट ऑपरेटरों की बजाए डीटीसी के बेड़े में बसों की संख्या बढ़ाई जाए, आदि मांग रखी गई है। अध्यक्ष ललित चौधरी का कहना है कि इन मांगों के साथ बीते दो महीनों में वह दो बार धरना दे चुके हैं।

बसों का चक्का जाम की तैयारी

ललित चौधरी ने बताया कि नवंबर में हुए धरने पर अधिकारियों ने यूनियन की मांगों पर विचार करने के लिए कुछ समय मांगा था। इसके लिए उन्हें 15 दिन की मोहलत दी गई थी, जो इस 5 दिसंबर को पूरी होने वाली है। अगर इस अवधि के दौरान उनकी मांगों को नहीं माना गया तो 9 दिसंबर को सभी डिपो में कामकाज बंद कर दिया जाएगा और बसों का चक्का जाम किया जाएगा।

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