Delhi Mayor Election: चुनाव की तारीख कल, आज भी टल सकता है मतदान; जानें कारण
Delhi Mayor Election Date to be on 26 April 2024: एमसीडी में मेयर के चुनाव को लेकर चुनाव आयोग को किसी भी तरह की कोई आपत्ति नहीं है। इसके लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी जारी कर दिए गए हैं। लेकिन, इसके बावजूद यह संभव है कि मेयर चुनाव टल सकते हैं-
टल सकता है मेयर चुनाव
Delhi Mayor Election Date: लोकसभा चुनाव के बीच तय हुए एमसीडी में मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव को लेकर चुनाव आयोग को किसी भी तरह की कोई आपत्ति नहीं है। उसने इसके लिए नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट भी जारी कर दिए हैं। लेकिन, इसके बावजूद ये संभव है कि मेयर चुनाव टल सकते हैं। पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति पर मामला अटका हुआ है। आबकारी घोटाले में जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हस्ताक्षर के बिना ही उपराज्यपाल को पीठासीन अधिकारी के नियुक्ति की फाइल भेजी गई है।
अब पीठासीन अधिकारी के नियुक्ति भेजे जाने के बाद,सबकी निगाहें उपराज्यपाल के फैसले पर है टिकी है कि वह बिना मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर वाली फाइल पर क्या फैसला लेते हैं। हालांकि, बिना सीएम के हस्ताक्षर के पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति मुश्किल है। ऐसे में हो सकता है कि 26 अप्रैल को होने जा रही चुनाव मे मेयर का चुनाव न हो।
इस मामले पर गुरुवार तक लेना होगा फैसला
बता दें कि मेयर चुनाव की बैठक को लेकर एमसीडी ने जो एजेंडा बनाया है, उसमें पीठासीन अधिकारी की नियुक्ति और चुनाव आयोग की अनुमति की दो शर्तें रखी गई हैं। उपराज्यपाल को इस मामले पर गुरुवार तक फैसला लेना होगा। अगर ऐसा नहीं होता है, तो चुनाव टालना पड़ेगा। आपको बता दें कि साल 2020 और 2021 में कोरोना के चलते अप्रैल में मेयर के चुनाव नहीं हुए थे। जून में इसके प्रक्रिया को पूरा किया था।
आचार संहिता से जरूरी चुनाव आयोग की इजाजत
दिल्ली में आम चुनाव को लेकर आदर्श आचार संहिता लागू किया गया है। इस वजह से मेयर के चुनाव के लिए चुनाव आयोग की इजाजत जरूरी हो गई थी। नियमानुसार हर साल अप्रैल में होने वाली निगम की पहली बैठक में मेयर का चुनाव होता है। ऐसे में निगम ने प्रत्याशियों के नामांकन की प्रक्रिया को ही 18 अप्रैल को पूरा कर लिया था।
निर्वाचित पार्षदों में एक बनता है पीठासीन अधिकारी
एमसीडी में हर वर्ष मेयर का चुनाव होता है। उसके लिए निर्वाचित पार्षदों में से किसी एक को उपराज्यपाल द्वारा पीठासीन अधिकारी नियुक्त किया जाता है। जिसके लिए शर्त यह होती है कि जो पार्षद पीठासीन अधिकारी होगा, वह प्रत्याशी नहीं होना चाहिए। एमसीडी में बैठक से 72 घंटे पहले तक एजेंडा वितरित होने का नियम है। 26 अप्रैल की तय बैठक के लिए निगम ने 23 अप्रैल को एजेंडा वितरित करना शुरू कर दिया है।
सरकार को दरकिनार करने का अधिकार
शहरी विकास मंत्री सौरभ भारद्वाज ने मुख्य सचिव नरेश कुमार को पत्र लिखकर यह बताने का निर्देश दिया है कि एलजी कार्यालय को फाइल भेजते समय कौन से प्रविधान उन्हें निर्वाचित सरकार को दरकिनार करने का अधिकार देते हैं। शुक्रवार को मेयर का चुनाव तय होने के वजह से बुधवार शाम 6 बजे तक स्पष्टीकरण मांगा गया था। सीएस द्वारा क्लियर जवाब न दिए जाने पर मंत्री ने इसकी सूचना राजनिवास को भी दी है।
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