Delhi Budget 2024-25: दिल्ली की हर महिला को हर महीने 1000 रुपये देगी केजरीवाल सरकार

दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने आज विधानसभा में बजट पेश किया। इस दौरान उन्होंने दिल्ली की हर महिला को हर महीने 1000 रुपये देने की घोषणा की। इस घोषणा के दौरान उन्होंने कहा कि केजरीवाल बड़े बेटे का फर्ज निभा रहे हैं। इस योजना का नाम मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना है।

दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी

दिल्ली विधानसभा में आज यानी सोमवार 4 मार्च को दिल्ली का बजट पेश किया गया। इस दौरान दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने 76 हजार करोड़ का बजट रखा। आम आदमी पार्टी की सरकार के इस बजट में एक बार फिर स्कूल और अस्पतालों पर जोर दिया गया है। वित्त मंत्री ने घोषणा की कि दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार दिल्ली की हर महिला को हर महीने 1000 रुपये देगी। केजरीवाल सरकार का मुफ्त बिजली, मुफ्त पानी और बसों में मुफ्त सफर के बाद चुनावी साल में महिलाओं को लुभाने का यह एक और बड़ा दांव है।

बड़े बेटे का फर्ज निभा रहे मुख्यमंत्री केजरीवाल

आतिशी ने देश की संस्कृति और संस्कार के बारे में कहा, 'जब भी कोई बहन या बेटी अपने मायके आती है तो उसके बड़े भाई या पिता प्यार से उसके हाथ में कुछ पैसे पकड़ा देते हैं। क्योंकि वो चाहते हैं कि उनकी बहन या बेटी को अपनी जरूरतों के लिए किसी से कुछ मांगना न पड़े। और आज दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल जी, एक बड़े बेटे का फर्ज निभाते हुए 2024-25 में एक नई क्रांतिकारी योजना लेकर आ रहे हैं। ये शायद 2024-25 के बजट का सबसे बड़ा कदम है, इस योजना का नाम है - मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना। इसके तहत 18 साल से अधिक उम्र की हर महिला को 1000 रुपये की सम्मान राशि दी जाएगी।'

केजरीवाल सरकार का स्कूलों पर फोकसवित्त मंत्री आतिशी ने अपने बजट भाषण में कहा कि केजरीवाल सरकार ने सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपल और टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए विदेश भेजा। उन्होंने बताया कि पिछले 9 वर्षों में 400 से अधिक सरकारी स्कूलों के प्रिंसिपलों को कैंब्रिज और 950 से अधिक टीचर्स को ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर भेजा गया है। यही नहीं 1700 प्रिंसिपल को IIM अहमदाबाद में ट्रेनिंग के लिए भेजा गया।

अस्पतालों की दशा सुधारी

बजट भाषण में आतिशी ने कहा कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने यहां के अस्पतालों का कायापलट किया है। उन्होंने कहा, पहले इन अस्पतालों की हालत ऐसी थी कि आप वहां से उल्टा बीमारी लेकर घर जाते थे। उन्होंने कहा कि दिल्ली का सरकारी हेल्थ केयर सिस्टम खुद ही बीमार था। लोग प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए अपने घर, मकान और जेवर गिरवी रखने को मजबूर होते थे।

End Of Feed