दिल्ली में पटाखा बैन के बाद भी आतिशबाजी पर रोक नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नोटिस
दिवाली के बाद प्रदूषण बढ़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध का बमुश्किल ही पालन किया गया।
राष्ट्रीय राजधानी में पटाखों पर प्रतिबंध का बमुश्किल ही पालन किया गया।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से एक सप्ताह के भीतर पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध सुनिश्चित करने के लिए पुलिस द्वारा उठाए गए कदमों पर हलफनामा दाखिल करने को कहा है।शीर्ष अदालत ने आप सरकार और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को एक सप्ताह के भीतर हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया है, जिसमें इस साल प्रतिबंध को लागू करने के लिए उठाए गए कदमों के साथ-साथ अगले साल प्रतिबंध का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए प्रस्तावित कदमों का उल्लेख हो।
रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, दिवाली के बाद की सुबह (1 नवंबर) दिल्ली को दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर का तमगा मिला। दिल्ली के कई हिस्सों में हवा की गुणवत्ता गंभीर स्तर को पार कर गई, क्योंकि पीएम 2.5 का स्तर बढ़ गया, जिससे श्वसन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक स्थिति पैदा हो गई।
एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस साल दिल्ली में प्रदूषण का स्तर अब तक के उच्चतम स्तर पर था, जो पिछले दो सालों की तुलना में बहुत अधिक था। शीर्ष अदालत ने दिल्ली पुलिस आयुक्त को हलफनामा दाखिल कर यह बताने का निर्देश दिया है कि दिल्ली में पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करने के लिए पुलिस ने क्या कदम उठाए हैं।
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इसी रिपोर्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिवाली के आसपास पराली जलाने के मामले भी बढ़ रहे हैं। इसके चलते शीर्ष अदालत ने पंजाब और हरियाणा सरकारों को हलफनामा दाखिल कर अक्टूबर के आखिरी दस दिनों में पराली जलाने की घटनाओं की संख्या का ब्योरा देने का निर्देश दिया।
दिल्ली सरकार से यह भी पूछा गया है कि क्या इसी अवधि के दौरान दिल्ली की सीमा के भीतर खेतों में आग लगने की घटनाएं हुई हैं। जस्टिस अभय ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि वे परिवहन प्रदूषण, भारी ट्रकों के प्रवेश से होने वाले प्रदूषण और औद्योगिक प्रदूषण सहित अन्य प्रदूषण पैदा करने वाले कारकों पर भी विचार करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामले की अगली सुनवाई 14 नवंबर को होगी।
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