केजरीवाल की रिहाई की खुशी में आतिशबाजी AAP कार्यकर्ताओं पर पड़ी भारी, FIR दर्ज

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की रिहाई की खुशी में पटाखा फोड़ने को लेकर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया है। दिल्ली शराब नीति मामले को लेकर वह जेल में बंद थे।

arvind kejriwal

फाइल फोटो।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई है। कोर्ट के फैसले से आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है। हालांकि, 'आप' कार्यकर्ताओं का यह उत्साह उन पर तब भारी पड़ गया, जब उन्होंने केजरीवाल की रिहाई की खुशी में सिविल लाइन स्थित सीएम आवास के बाहर जमकर आतिशबाजी की।

जेल से निकले केजरीवाल

केजरीवाल की रिहाई की खुमारी में कार्यकर्ताओं ने इस बात की भी परवाह नहीं की कि दिल्ली में पटाखे जलाना प्रतिबंधित है। ऐसे में दिल्ली पुलिस ने आतिशबाजी करने वाले 'आप' कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह मामला सिविल लाइन थाने में दर्ज किया गया है। इससे पहले दिल्ली भाजपा के नेताओं ने सोशल मीडिया पर ऐसे कार्यकर्ताओं के कई वीडियो शेयर किए थे, जो अरविंद केजरीवाल की रिहाई की खुशी में पटाखे जला रहे थे। दिल्ली पुलिस ने खुद संज्ञान लेते हुए पटाखे जलाने के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।

पुलिस ने मामला किया दर्ज

इन लोगों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 233(बी) के तहत मामला दर्ज किया गया है, जिसमें वायु प्रदूषण के तहत इस मामले को अपराध माना जाता है। इस मामले में शिकायतकर्ता खुद दिल्ली पुलिस के सब-इंस्पेक्टर तरुण कुमार हैं। बता दें कि अरविंद केजरीवाल को सु्प्रीम कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। कोर्ट ने कहा "उन्हें लंबे समय तक जेल में रखने से उनकी आजादी का गलत तरीके से हनन हुआ है।" उन्हें जून में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित शराब नीति मामले में गिरफ्तार किया था।

कितने दिन जेल में रहे केजरीवाल

आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने लगभग छह महीने जेल में बिताए हैं। उनको प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज मामले में उन्हें पहले ही जमानत मिल चुकी है, जिसके चलते उनका अब जेल से बाहर आने का रास्ता साफ हो गया था। हालांकि, वह अब भी अपने ऑफिस या दिल्ली सचिवालय नहीं जा सकते और उप-राज्यपाल वीके सक्सेना की अनुमति के बिना किसी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते।
शुक्रवार सुबह एक संक्षिप्त सुनवाई में जस्टिस उज्जल भूयान और जस्टिस सूर्यकांत ने केजरीवाल की दो अलग-अलग याचिकाओं पर अपने फैसले सुनाए, लेकिन दोनों इस बात पर सहमत थे कि दिल्ली के मुख्यमंत्री को रिहा किया जाना चाहिए।
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Devshanker Chovdhary author

देवशंकर चौधरी मार्च 2024 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं और बतौर कॉपी एडिटर काम कर रहे हैं। टाइम्स नाउ सिटी टीम में वह इंफ्रा...और देखें

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