मनमानी फीस वसूलने वाले स्कूलों पर शिकंजा, दिल्ली सरकार ने मांगी 10 सालों की ऑडिट रिपोर्ट; जांच कमेटी गठित

दिल्ली में केजरीवाल सरकार के दौरान प्राइवेट स्कूलों की ओर से मनमानी फीस वृद्धि की वर्तमान सरकार जांच करेगी। सरकार ने राजधानी के सभी 1677 प्राइवेट स्कूलों की ऑडिट रिपोर्ट मांगी है। इसके लिए जांच कमेटी गठित कर दी गई है।

Delhi Private School Fee Hike Case

दिल्ली प्राइवेट स्कूल फीस वृद्धि मामला (फाइल फोटो)

दिल्ली : दिल्ली सरकार ने राजधानी के निजी स्कूलों की ओर से मनमानी फीस वृद्धि पर सख्ती दिखाते हुए कड़ा कदम उठाया है। दिल्ली के शिक्षा मंत्री आशीष सूद ने बताया कि दिल्ली के सभी 1677 प्राइवेट स्कूलों का ऑडिट किया जाएगा। इसके लिए एसडीएम की अध्यक्षता में जांच कमेटियां गठित कर दी गई हैं, जिनमें तहसीलदार और अकाउंट विभाग के अधिकारी भी शामिल रहेंगे। सूद ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि पिछले दस वर्षों के शासनकाल में तत्कालीन सरकार ने सिर्फ 75 स्कूलों का ही सालाना ऑडिट कराया, जबकि कानून के अनुसार सभी स्कूलों का हर साल ऑडिट होना अनिवार्य है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री आतिशी मार्लिना और पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनकी सरकार के दौरान कई नामी स्कूलों ने भारी फीस वृद्धि की, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के निर्देश पर डीएम कापसहेड़ा के नेतृत्व में स्कूलों जांच शुरू की गई है। एक निजी स्कूल ने 2020 से 2025 के बीच लगातार हर वर्ष फीस में बढ़ोतरी की है। इसी तरह कई संस्थानों ने भी फीस में भारी इजाफा किया है, जिसकी जांच अब की जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि दिल्ली की सरकारी जमीन पर बने 335 स्कूलों को विशेष निगरानी में रखा जाएगा।

सरकारी जमीन पर बने हैं प्राइवेट स्कूल!

शिक्षा मंत्री ने कहा कि दिल्ली के 1677 प्राइवेट स्कूलों में से 335 स्कूल सरकारी जमीन पर बने हैं। ऐसे स्कूलों के लिए फीस वृद्धि से पहले राज्य सरकार की अनुमति अनिवार्य है। वहीं 114 स्कूल ऐसे हैं, जिन्हें अनुमति लेने की बाध्यता नहीं है। उन्होंने कहा कि अब सभी स्कूलों से पिछले 10 सालों की ऑडिट रिपोर्ट मंगवाई जा रही है और इसे दिल्ली शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर सार्वजनिक भी किया जाएगा।

सरकार ने फीस वृद्धि की शिकायत दर्ज कराने के लिए एक ईमेल आईडी ddeact1@gmail.com जारी की है। कोई भी अभिभावक इस ईमेल पर अपनी शिकायत भेज सकता है। इसके अलावा शिक्षा निदेशालय के कार्यालय में जाकर भी शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। मंत्री ने स्पष्ट किया कि स्कूल विद्या के मंदिर होते हैं और सरकार किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार या शिक्षा के व्यवसायीकरण को सहन नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के नेतृत्व में शिक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता और सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।

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भावना किशोर author

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मूल की भावना ने देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIMC से 2014 में पत्रकारिता की पढ़ाई की. 10 सालों से मीडिया में काम कर रही हैं. न्यू...और देखें

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