मीडिया घरानों के लिए उचित कॉम्पनसेशन सुनिश्चित करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध : अश्विनी वैष्णव
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने डीएनपीए कॉन्क्लेव में ट्रेडिशनल मीडिया के डिजिटल में ट्रांजिशन पर बात की। इसके साथ ही उन्होंने ट्रेडिशनल मीडिया के लिए फेयर कॉम्पनसेशन का मुद्दा भी उठाया और कहा कि डीएनपीए की इस कॉन्फ्रेंस में डिटेल में डिसक्शन होना चाहिए। ताकि एक क्लियर पॉलिसी रिकमेंडेशन आए। इस ट्रांजिशन में सरकार की तरफ से जो मदद चाहिए, सरकार उसके लिए तैयार है।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव
आईटी और सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को दिल्ली में कहा कि मीडिया उद्योग एक परिवर्तनकारी बदलाव के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में उन्होंने मीडिया घरानों के लिए उचित मुआवजा सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर दिया है। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने न्यूज पब्लिशर्स यानी मीडिया घरानों और गूगल, मेटा जैसी टेक्नोलॉजी कंपनियों के बीच असंतुलित रेवेन्यू शेयरिंग के मुद्दे को उठाया। डीएनपीए कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन करते हुए, उन्होंने नीतियों को आकार देने और डिजिटल मीडिया में एक स्मूथ ट्रांजिशन को सुविधाजनक बनाने में इस तरह की चर्चाओं की महत्वपूर्ण बताया।
अश्विनी वैष्णव ने कहा, 'इस सम्मेलन में ट्रेडिशनल मीडिया से डिजिटल प्लेटफॉर्म की तरफ जो ट्रांजिशन हो रहा है, उसके संबंध में अच्छी चर्चा होगी। उसके जो सुझाव आएंगे, उन सुझावों को मैं जरूर जानना चाहूंगा।' उन्होंने कहा, आज एक बड़े ट्रांजिशन के दौर से मीडिया की दुनिया गुजर रही है। ट्रेडिशनल मीडिया में न्यूज पेपर और टीवी बहुत बड़े माध्यम थे, आज उसके साथ डिजिटल मीडिया एक बहुत बड़े रूप में उभरकर आया है। विशेषतौर पर युवा पूरी तरह से ट्रेडिशनल मीडिया से डिजिटल मीडिया में शिफ्ट हो चुके हैं।
सरकार मदद को तैयार
केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'ऐसे में हम ट्रेडिशनल मीडिया में अपने रोल को कैसे देखते हैं? कैसे तेज बदलावों के साथ अपने को बदलें, मीडिया से जुड़े रोजगारों को कैसे इस ट्रांजिशन के दौर में संरक्षण दें, प्रोटेक्शन दें, आगे बढ़ें। कैसे कॉपीराइट के इश्यूज को सॉल्व करें, किस तरह से ट्रेडिशनल मीडिया को भी एक फेयर कॉम्पनसेशन मिले, उसके ऊपर काम करें। खासतौर पर जो प्रोड्यूसर हैं, कंटेंट क्रिएटर हैं, उनकी जो इम्पोर्टेंस है, विशेष रूप से एडिटोरियल चेक के बाद जो कंटेंट आता है, उसको कैसे इम्पोर्टेंस मिले। इन सब कर डीएनपीए की इस कॉन्फ्रेंस में डिटेल में डिसक्शन होना चाहिए। ताकि एक क्लियर पॉलिसी डायरेक्शन, पॉलिसी रिकमेंडेशन आपके यहां से आए। और इस ट्रांजिशन में सरकार की तरफ से आपको जो मदद चाहिए, वह हम करने के लिए तैयार हैं।'
बता दें कि इस साल DNPA कॉन्क्लेव का फोकस 'AI के युग में मीडिया परिवर्तन' है। इसमें पत्रकारिता और कॉन्टेंट क्रिएशन पर एआई के प्रभाव पर चर्चा करने के लिए नीति निर्माताओं, मीडिया से जुड़े दिग्गजों और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र के विशेषज्ञों को एक साथ लाया गया है। इसमें चर्चा एआई संचालित अवसर, मिस-इनफॉर्मेशन की चुनौतियां, डीपफेक और प्लेटफॉर्म की जवाबदेही जैसी चुनौतियों और पत्रकारिता की पवित्रता को बनाए रखने की आवश्यकता पर केंद्रित होगी।
डिजिटल युग में निष्पक्षता सुनिश्चित करना
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में सचिव संजय जाजू ने इन चिंताओं पर और अधिक विस्तार से बात की। विशेषतौर पर मीडिया घरानों के लिए उचित कॉम्पनसेशन की आवश्यकता पर। सम्मेलन को संबोधित करते हुए जाजू ने कहा कि एआई और बिग डाटा एनालिटिक्स द्वारा संचालित डिजिटल एडवर्टाइजिंग ने मार्केटिंग रणनीतियों को नया रूप दिया है, लेकिन इसने मिसइनफॉर्मेशन को भी बढ़ावा दिया है।
जाजू ने कहा, 'साल 2023 में भारत के मीडिया और एंटरटेनमेंट सेक्टर ने 8 फीसद की बढ़ोतरी देखी। इस तरह से यह लगभग 28 बिलियन डॉलर के करीब पहुंच गया, जिसमें डिजिटल मीडिया 15 फीसद की दर से बढ़ा है। हालांकि, रेवेन्यू शेयरिंग एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। भारतीय मीडिया घराने ऐसा कंटेंट बनाते हैं जो लोगों को जोड़े रखता है, लेकिन फिर भी उन्हें आनुपातिक रूप से रिटर्न कम मिलता है।'
ग्लोबल रेग्युलेटरी डेवलपमेंट पर सरकार की नजर
उन्होंने कॉन्टेंट क्रिएटर्स को कॉम्पनसेशन दिए बिना एआई के जरिए समाचार लेखों और पत्रकारिता सामग्री के मुद्दे पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, यह नैतिक और वित्तीय चिंताओं को जन्म देता है, क्योंकि इसमें पत्रकारिता सामग्री का पुन: उपयोग कॉर्पोरेट लाभ के लिए किया जाता है। सरकार ग्लोबल रेग्युलेटरी डेवलपमेंट पर भी नजर बनाए हुए है। आज बहुत से देशों में डिजिटल प्लेटफॉर्म और समाचार प्रकाशकों के बीच रेवेन्यू शेयरिंग को अनिवार्य कर दिया गया है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि सरकार निष्पक्ष डिजिटल इकोसिस्टम बनाने के लिए नियमों को आधुनिक बनाने पर काम कर रही है। जाजू ने चेतावनी दी कि बिना जांचे-परखे मिसइनफॉर्मेशन को फैलाना, क्लिक पाने के लिए खबर और हेडिंग से छेड़छाड़ और ब्रेकिंग न्यूज की रेस हमारे लोकतांत्रिक मूल्यों को नुकसान पहुंचाते हैं। डिजिटल माध्यमों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए IT एक्ट में जो नियम बनाए गए हैं, कई बार जिम्मेदारी से बचने के लिए उनका दुरुपयोग किया जाता है। पत्रकारिता से जुड़े संस्थानों को नुकसान होने के बाद प्रतिक्रिया करने की बजाय मिसइनफॉर्मेशन पर अंकुश लगाने के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहिए।
सूचना एवं प्रसारण सचिव ने एआई संचालित रैंकिंग की भी आलोचना की, जिसमें सनसनीखेज सामग्री को प्राथमिकता दी जाती है, जो गलत सूचना को वायरल बना सकती है। उन्होंने कहा कि इसका हमारे जैसे विविधापूर्ण देश के लिए बहुत बुरा असर पड़ता है, जहां विभाजनकारी सामग्री समाजिक तनाव को बढ़ा सकती है। इनका इस्तेमाल करने वाले लोगों को उनके एल्गोरिद्म के लिए जवाबदेही लेनी होगी, क्कि यह हमारे समाज पर प्रभाव डालता है।
छोटे शहरों के क्रिएटर्स की वैश्विक पहुंच
भारत एक उभरती हुई क्रिएटर अर्थव्यवस्था है, जिसका जिक्र जाजू ने भी किया। उन्होंने कहा, 'कंटेंट क्रिएशन आज सिर्फ बड़े शहरों तक ही सीमित नहीं है। टीयर-2, और टियर-3 शहरों के क्रिएटरों की पहुंच आज वैश्विक स्तर पर है। हमने 'क्रिएट इन इंडिया चैलेंज' लॉन्च किया है और मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि कई प्रतिभाशाली क्रिएटर इस साल मई में होने वाले वर्ल्ड ऑडियो विजुअल एंड एंटरटेनमेंट समिट (Waves) के फाइनल में प्रतिस्पर्धा करेंगे।'
इसके साथ ही उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिएटिव टेक्नोलॉजीज की स्थापना की घोषणा की। जो एनीमेशनल, वीएफएक्स, गेमिंग और एक्टेंडिड रिएलिटी में कौशल बढ़ाने वाला प्रमुख संस्थान होगा।
डीएनपीए सम्मेलन में इन अतिथियों ने लिया हिस्सा
इस कार्यक्रम में डीएनपीए के सम्मेलन में एस कृष्णन (सचिव, MeitY, भारत सरकार), माइकल मैकनामारा (एमईपी, यूरोपीय संसद के एआई वर्किंग ग्रुप के सह-अध्यक्ष), मार्केटिंग और विज्ञापन के दिग्गज जैसे सुशांत श्रीराम (सीएमओ, जियोहॉटस्टार), मोहित जोशी (सीईओ, हवास मीडिया), साई नारायण (सीएमओ, पॉलिसीबाजार), विक्रम सखुजा (ग्रुप सीईओ, मैडिसन मीडिया और ओओएच) ने भी भाग लिया।
डीएनपीए के बारे में जानिए
डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (DNPA), प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भारत के चोटी के 18 प्रकाशकों की डिजिटल इकाइयों का एक संगठन है।
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