दिल्ली में 54 करोड़ रुपये के फर्जी GST रिफंड घोटाले का खुलासा, एक अधिकारी समेत 7 गिरफ्तार

GST Refund Scam: दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने 54 करोड़ के फर्जी दावों से जुड़े एक बड़े जीएसटी रिफंड घोटाले का पर्दाफाश किया है। जांच में एक जीएसटी अधिकारी, तीन अधिवक्ताओं, दो ट्रांसपोर्टरों और एक फर्म मालिक को गिरफ्तार किया गया है।

GST रिफंड घोटाले में सात लोग गिरफ्तार

GST Refund Scam: दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (ACB) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए दिल्ली सरकार के व्यापार एवं कर विभाग में फर्जी जीएसटी रिफंड से जुड़े एक घोटाले का पर्दाफाश किया है और एक वस्तु एवं सेवा कर अधिकारी को उसके छह सहयोगियों के साथ गिरफ्तार किया है। जानकारी के मुताबिक, फर्जी चालान बनाने और विभाग से जीएसटी रिफंड प्राप्त करने के रैकेट को चलाने के आरोप में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। एसीबी ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सात लोगों में एक जीएसटी अधिकारी, तीन वकील, दो ट्रांसपोर्टर और एक फर्जी फर्म का मालिक शामिल है।

96 फर्जी फर्में बनाकर की धोखेबाजी

एसीबी के अनुसार, उन्होंने 96 फर्जी फर्में बनाईं, जिनका उपयोग धोखाधड़ी से जीएसटी रिफंड का दावा करके करदाताओं के पैसे हड़पने के लिए किया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि 2021 से 2022 के बीच 35.51 करोड़ रुपये के रिफंड को मंजूरी दी गई। पहले साल में सिर्फ 7 लाख रुपये के रिफंड को मंजूरी दी गई, लेकिन बाद में बाकी को भी मंजूरी दे दी गई। इस साजिश में जीएसटीओ बबीता शर्मा ने अहम भूमिका निभाई।
जुलाई 2021 में वार्ड नंबर 22 में स्थानांतरित होने के बाद शर्मा ने बेहद संदिग्ध कदम उठाते हुए 53 फर्मों को अपने वार्ड में स्थानांतरित करने की मंजूरी दे दी। ये फर्म, जो बाद में जीएसटी अधिकारियों द्वारा भौतिक सत्यापन के दौरान अस्तित्व में नहीं पाई गईं, महज कागजी संस्थाएं थीं, जिन्हें केवल फर्जी रिफंड का दावा करने के लिए स्थापित किया गया था।
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