दिल्ली मेयर चुनाव पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, मनोनीत पार्षदों के मत देने का मामला

दिल्ली को अपना मेयर अभी तक नहीं मिल पाया है। मामला मनोनीत पार्षदों की वोटिंग को लेकर है। इस विषय आप की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।

दिल्ली में मेयर चुनाव के मुद्दे पर अड़चन मनोनीत पार्षदों की वोटिंग पर है। आम आदमी पार्टी का कहना है कि मनोनीत पार्षदों को चुनाव में हिस्सा लेने का अधिकार नहीं है। इस विषय पर आप की तरफ से मेयर की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी जिस पर शुक्रवार को सुनवाई होनी है। बता दें कि 6 जनवरी को पहली बार मेयर चुनाव के लिए पार्षद इकट्ठा हुए थे। हालांकि हंगामे के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी गई थी। इसके बाद 24 जनवरी को एक बार फिर बैठक हुई। लेकिन नतीजा सिफर रहा। अब 6 फरवरी का दिन मेयर चुनाव के लिए मुकर्रक किया गया। शैली ओबेरॉय की तरफ से वकील अभिषेक मनु सिंघवी दलीलें पेश करेंगे। आम आदमी पार्टी का कहना है कि बीजेपी संवैधानिक व्यवस्था की धज्जियां उड़ा रही है। जनमत का अपमान कर रही है। लेकिन बीजेपी का कहना है कि संविधान में जो व्यवस्था है उसका पालन करते हुए हम आगे बढ़ रहे हैं। लोकतांत्रिक व्यवस्था का माखौल वो लोग उड़ा रहे हैं जो इस तरह का आरोप लगा रहे हैं।

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बीजेपी ने कहा कि 6 जनवरी और 24 जनवरी के दिन आप पार्षदों के व्यवहार को दिल्ली की जनता ने देखा है। किस तरह से आप के कुछ पार्षद शराब के नशे में सदन में दाखिल हुए थे। किस तरह से सदन के अंदर हंगामा हुआ। बीजेपी के पार्षदों ने गंभीरता के साथ सदन की कार्यवाही चलाने के इच्छुक है। लेकिन आप को लगता है कि मेयर की कुर्सी उनके हाथ से निकल जाएगी तो वो हंगामा कर रहे हैं। वहीं जानकारों का कहना है कि अगर तय समय से पहले दिल्ली को मेयर नहीं मिल पाया तो संवैधानिक संकट का सामना करना पड़ेगा।

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