300 किमी की दूरी के शहरों को जोड़ेगी नमो भारत मेट्रो, 60 शहरों को जोड़ने की तैयारियां शुरू
रेलवे मेमू ट्रेनों को हटाकर इनकी जगह 60 मेट्रो ट्रेने चलाने की तैयारी कर रहा है। इन्हें भारत के प्रमुख शहरों के बीच 100 से 300 किमी की दूरी के बीच चलाया जाएगा। इसकी अधिकतम रफ्तार 110 होगी और किराया भी लोकल ट्रेन के समक्ष ही रहने वाला है। ये ट्रेनें आधुनिक सुविधाों से लैस होंगी।
वंदे मेट्रो ट्रेन
रोजाना ट्रेन से यात्रा करने वाले लोगों के लिए अच्छी खबर है। केंद्र सरकार देश के प्रमुख शहरों के बीच 60 वंदे मेट्रो ट्रेन चलाने की तैयारी कर रही है। लोकल ट्रेनों (मेमू ट्रेन) को हटाकर इन वंदे मेट्रो ट्रेनों को चलाया जाएगा। इन्हें 100 से 300 किमी की छोटी दूरी के बीच चलाया जाएगा। ये ट्रेनें मेल एक्सप्रेस की रफ्तार से पटरियों पर दौड़ेंगी। वंदे मेट्रो की अधिकतम स्पीड 110 किमी प्रति घंटा होगी। साथ ही किराया भी लोकल ट्रेन के समान होगा। इन ट्रेनों के शुरू होने से दैनिक रेल यात्री, व्यापारी, नौकरीपेशा और स्टूडेंट्स सुरक्षित, तेज और आरामदायक सफर का आनंद उठा सकेंगे।
वंदे मेट्रो ट्रेन में होंगे 10 कोच
लोकल ट्रेनों की जगह वंदे मेट्रो ट्रेन चलाने का उद्देश्य दैनिक रेल यात्रियों को महानगरीय, उपनगरीय और बड़े शहरों के बीच सुविधाजनक और तेज रेल कनेक्टिविटी उपलब्ध कराना है। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार 60 वंदे मेट्रो को देश के प्रमुख शहरों के बीच चलाने के लिए रेलवे ने चालू वित्तीय वर्ष में 600 कोच के उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। वंदे मेट्रो ट्रेन में कोच की औसत संख्या 10 होगी। हालांकि यात्रियों के दबाव और दूरी के अनुसार कोच की संख्या को घटाया-बढ़ाया जा सकता है। हर कोच में यात्रियों के बैठने के लिए 100 सीट होंगी, साथ ही 200 यात्री खड़े होकर भी सफर कर सकेंगे।
गुजरात में चली थी पहली वंदे मेट्रो
अधिकारी ने बताया कि वर्तमान मेल-एक्सप्रेस ट्रेन की रफ्तार 110 किलोमीटर प्रति घंटा रहती है। हालांकि उनकी औसत स्पीड 55 किलोमीटर प्रति घंटा है। वहीं वंदे मेट्रो ट्रेन की अधिकतम रफ्तार 130 किमी प्रति घंटा रहेगी। इस ट्रेन की कॉमर्शियल स्पीड 110 किमी प्रति घंटा रहेगी। ऐसे में ट्रेन की औसत रफ्तार करीब 65 किलो प्रति घंटा आएगी। गौरतलब है कि भारत की पहली वंदे मेट्रो का परिचालन गुजरात में हुआ था। यह ट्रेन भुज और अहमदाबाद के बीच चलाई गई। जिसे 16 सिंतबर को पीएम नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी।
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पैसेंजर ट्रेनों की जगह सुविधाओं से लेस वंदे मेट्रो
रेलवे मौजूदा तीन हजार पैसेंजर ट्रेनों को हटाने की योजना बना रहा है। इनके स्थान पर वंदे मेट्रो ट्रेनों को चलाया जाएगा। वंदे मेट्रो ट्रेन पूरी एसी से लैस होगी और इसके गेट भी ऑटोमैटिक खोलने और बंद करने वाले होंगे। जिससे यात्रियों का सफर सुरक्षित रहेगा और उनके ट्रेन से गिरने का खतरा भी नहीं होगा। इन ट्रेनों में बॉयो टॉयलेट की सुविधा भी रहेगी, जबकि लोकल ट्रेनों में टॉयलेट नहीं रहता है। साथ ही इमरजेंसी टॉक बैक और दिव्यांगों के लिए व्हीलचेयर की भी सुविधा रहेगी।
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Pooja Kumari author
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