इंटरनेशनल साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का पर्दाफाश, निशाने पर थे सीनियर सिटीजन, 20 हजार से ज्यादा लोग हुए शिकार

दिल्ली पुलिस ने IFSO यूनिट, अमेरिका की FBI और कनाडा की कनेडियन लॉ इम्फोर्समेंट एजेंसी इंटरनेशनल साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। अब तक करीब 20 हजार से ज्यादा विदेशी मूल के लोगों को साइबर फ्रॉड का शिकार बनाया है। निशाने पर सीनियर सिटीजन होते हैं।

International Cyber Fraud Syndicate

दिल्ली में इंटरनेशनल साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का पर्दाफाश,

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO यूनिट, अमेरिका की FBI और कनाडा की कनेडियन लॉ इम्फोर्समेंट एजेंसी ने मिलकर एक इंटरनेशनल साइबर फ्रॉड सिंडिकेट का पर्दाफाश किया है। इस सिंडिकेट ने टेक सपोर्ट के नाम पर अब तक करीब 20 हजार से ज्यादा विदेशी मूल के लोगों को अपनी जलसाजी का शिकार बनाया है। दरअसल एफबीआई ने दिल्ली पुलिस को सीबीआई के इंटरपोल विंग के जरिए संपर्क किया कि साइबर फ्रॉड का एक बड़ा सिंडिकेट दिल्ली और उसके आसपास के इलाके से ऑपरेट किया जा रहा है जिनके निशाने पर सीनियर सिटीजन होते हैं। जिसके बाद एफबीआई ने दो पीड़ित की शिकायत स्पेशल सेल को फारवर्ड की।

इस शिकायत के अधार पर स्पेशल सेल ने जांच शुरू की और बाकी दोनों एजेंसियों को जानकारी साझा किया जिसके बाद स्पेशल सेल ने हर्षद मदान, जतिन लंबा और विकास को गिरफ्तार किया जबकि कैनेडियन इंफोर्समेंट एजेंसी ने टोरंटो से जयंत भाटिया जबकि एफबीआई ने न्यू जेर्सी से कुलविंदर सिंह को एक ही दिन में गिरफ्तार किया।

दरअसल दिल्ली पुलिस और बाकी एजेंसियों ने जानकारी साझा कर इस तरफ से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया ताकि इस पूरे गैंग का एक साथ पर्दाफाश किया जा सके। और किसी एक देश मे गिरफ्तारी के बाद दूसरे देश मे बैठे उनके बाकी साथी फरार न हो सके। पूछताछ के दौरान पता चला कि जतिन लंबा अपने भाई गगन के साथ मिलकर पीसी सपोर्ट और केअर के नाम से एक कंपनी चलता था और जालसजी का पैसा इसी कंपनी के मातहत ये टेक् सपोर्ट के नाम पर कॉल सेंटर चलाता था।

दरअसल ये लोग विदेश में बैठे सीनियर सिटीजन को अपना निशाना बनाते थे ये सबसे पहले उनके कंप्यूटर पर पॉप-अप्स भेज कर उन्हें इस नाम पर डराते थे कि उनके कंप्यूटर में माइक्रोसॉफ्ट की समस्या आई होगी या फिर उनके साथ बड़ा धोखा होने वाला है। जिसके बाद पीड़ित इनके झांसे में फंस जाते और फिर ये उज़के कंप्यूटर को अपने कब्जे में ले लेते और टेक सपोर्ट के नाम पर उनसे ठगी करते।

कई बार इनलोगो ने एक पीड़ित को कई बार अपनी जालसजी का शिकार बनाया है। पुलिस के मुताबिक 2010 से 2020 के बीच मे गैंग ने करीब 20 हजार लोगों से 80 करोड़ रुपए की ठगी की है। इस मामले में अब तक तीनो देशों की एजेंसियों ने मिलकर 6 लोगों को गिरफ्तार किया है।

(अनुज मिश्रा की रिपोर्ट)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | दिल्ली (cities News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल

टाइम्स नाउ नवभारत डिजिटल author

अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited