15वीं सदी से दिल्ली में खड़ा है ये 'जहाज', आपने देखा क्या? जानिए कब और कैसे जाएं देखने

दिल्ली का अपना बहुत ही समृद्ध इतिहास है। यहां कई राजाओं और सल्तनतों का राज रहा। तमाम राजाओं ने यहां अपने जमाने में कई बड़े और अनोखे स्ट्रक्चर बनवाए। ऐसा ही एक स्ट्रक्चर दिल्ली में मौजूद है जिसका नाम जहाज महल है। चलिए जानते हैं जहाज महल के बारे में सब कुछ...

दिल्ली में मौजूद है ये जहाज

जहाज आमतौर पर समुद्र में ही दिखते हैं। समुद्र किनारे जो शहर हैं, वहां के लोग बीच पर जाकर जहाज देख सकते हैं। राजधानी दिल्ली समुद्र से बहुत दूर है। यहां समुद्र नहीं है, लेकिन यहां भी एक जहाज है, जो 15वीं सदी से राजधानी में लंगर डाले हुए है। जी हां, हम बात कर रहे हैं दिल्ली के जहाज महल की। जहाज महल दिल्ली के पर्यटन मैप पर एक ऐसा स्थान है, जिसे आज के आधुनिक युग में भुला दिया गया है। दिल्ली में मौजूद यह जहाज राजधानी के एक कोने में बड़ी ही शांति से खड़ा है। चलिए जानते हैं दिल्ली में कहां पर है जहाज महल, इसका इतिहास क्या है, यहां कब जाएं और नजदीकी मेट्रो स्टेशन आदि।

लोदी वंश से जुड़ा है इतिहास

दिल्ली के जहाज महल का संबंध एक समय दिल्ली पर राज करने वाले लोदी वंश से है। लोदी वंश के राजाओं ने 1452–1526 के बीच इस जहाज महल को बनवाया था। इतिहासकारों के अनुसार इस महल को एक सराय यानी Inn के रूप में बनाया गया था। यह उन श्रद्धालुओं के लिए बनाया गया था जो इरान, इराक, अरब, अफगानिस्तान, तुर्की और मोरक्को से दिल्ली आया करते थे। एक अन्य कहानी के अनुसार कहा जाता है कि इस जहाज महल को अकबर शाह द्वितीय और बहादुर शाह द्वितीय और उनके परिवारों के लिए आरामगाह के रूप में बनाया गया था। दोनों राजा अपने-अपने समय में दिल्ली की गर्मी और धूल से बचते हुए गर्मियां यहां बिताते थे।

कैसे मिला यह अनोखा नाम

इस महल का नाम जहाज महल रखे जाने के पीछे असली कारण क्या था, यह तो नहीं पता। लेकिन माना जाता है कि पास में मौजूद तालाब में महल की परछायी की वजह से इस महल को ये नाम मिला। क्योंकि तालाब में पड़ने वाली परछायी में यह महल पानी पर तैरता जहाज जैसा लगता है। जहाज महल पर बनी चतुर्भुजाकार छतरी इसको खास बनाती हैं। इनमें से हर छतरी के पिलरों की संख्या अलग-अलग है।

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