अंजली के हादसे से लें सबक,गाड़ी देते समय और बेचते समय कभी न करें ये काम,वरना हो जाएगी जेल !

Kanjhawala Case Update: सड़क हादसे कई तरह के होते हैं, ऐसे में भारतीय कानून के अनुसार इसमें सिविल और फौजदारी दोनों कानून की धाराएं, हादसे की गंभीरता को देखते हुए लगाई जाती है। लाइव लॉ के अनुसार इसके तहत धारा 279, धारा 337, धारा 338 और धारा 304 (A)जैसी धाराएं लगाई जाती है।

कांझावाला केस और कानून

Kanjhawala Case Update:दिल्ली के कंझावला हादसे में पुलिस की जांच में हर रोज नए मोड़ आ रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार अंजलि की स्कूटी से एक्सीडेंट के दौरान कार में 5 नहीं 4 आरोपी मौजूद थे। और दीपक नाम के जिस आरोपी ने बताया कि कार वह चला रहा था, हकीकत में वह कार नहीं चला रहा था। कार चलाने वाले आरोपी का नाम अमित है और उसके पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है। लाइसेंस न होने की वजह से केस गंभीर हो जाएगा इसलिए दीपक ने गाड़ी चलाने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले ली। यही नहीं कार इन चारों की नहीं थी। वह कार मांग कर लेकर आए थे। ऐसे में सवाल है कि कार मालिक का क्या होगा।

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क्या है कानून

सड़क हादसे कई तरह के होते हैं, ऐसे में भारतीय कानून के अनुसार इसमें सिविल और फौजदारी दोनों कानून की धाराएं, हादसे की गंभीरता को देखते हुए लगाई जाती है। लाइव लॉ के अनुसार इसके तहत धारा 279, धारा 337, धारा 338 और धारा 304 (A)जैसी धाराएं लगाई जाती है।

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  • धारा 279 में अगर कोई व्यक्ति रैश ड्राइविंग करता है, तो उस पर यह धारा लगाई जाती है। इसमें जुर्माना और 6 महीने तक की सजा का प्रावधान है।
  • धारा 337 तब लगाई जाती है, जब लापरवाही से गाड़ी चलाने किसी व्यक्ति को साधारण चोट लगी हो। इसमें 6 महीने तक की सजा का प्रावधान है।
  • धारा 338 तब लगाई जाती है, जब हादसे की वजह से किसी व्यक्ति को गंभीर चोट लग गई हो। इसमें जुर्माना और 2 साल तक की अधिकतम सजा का प्रावधान है।
  • धारा 304 (A)उस परिस्थिति में लगती है जब हादसे में व्यक्ति की दुर्भाग्यवश मौत हो गई हो। इसमें भी जुर्मना और 2 साल तक की सजा का प्रावधान है। ऐसा माना जाता है कि व्यक्ति जानबूझ कर व्यक्ति की हत्या नहीं की है।
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