बारात का मजा हुआ किरकिरा : किसान आंदोलन के कारण 18 घंटे में पहुंची बारात, दूल्हे का दीदार नहीं कर पाए रिश्तेदार

Kisan Andolan Effect: किसान आंदोलन के चलते दिल्ली से लुधियाना के लिए निकली बारात को पहुंचने में 18 घंटे लग गए। इसका असर ये हुआ कि तब तक विवाह स्थल से रिश्तेदार अपने घरों को लौट चुके थे।

किसान आंदोलन का असर

Kisan Andolan Effect: किसानों के 'दिल्ली चलो' मार्च से ट्रैफिक व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है। मुख्य मार्गों पर यातायात परिवर्तन से वाहन चालकों समेत आम लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोग कम दूरी के लिए लंबी दूरी तय कर अपने गंतव्य तक पहुंच रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण सामने आया है, जहां नई दिल्ली से लुधियाना के लिए निकली बारात किसान आंदोलन के भेंट चढ़ गई। 6 से 7 घंटे में तय होने वाले सफर के लिए बारातियों को 18 घंटे सफर में रहना पड़ा। 18 घंटे बाद जब बाराती पहुंचे तब तक विवाह स्थल से रिश्तेदार वापस जा चुके थे।

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रास्ते में फंसी बारात

जानकारी के मुताबिक, दिल्ल्ली के छतरपुर से बारात लुधियाना शाम तक पहुंचना था, लेकिन किसान आंदोलन के कारण मार्ग में फंसने से बारात रात ढाई बजे पहुंची। इसका असर ये हुआ कि तब तक विवाह स्थल से रिश्तेदार अपने घरों को लौट चुके थे। देर पहुंचे दूल्हे को देखकर आनन-फानन में इंतजाम किए गए और किसी तरह फेरे की रस्म अदा की गई। बताया जा रहा है कि छतरपुर निवासी दिलीप कुमार की शादी धांधरा रोड की शिवानी से तय हुई थी। छतरपुर से 80 लोगों की बारात बुधवार को बसों और कार से लुधियाना के लिए रवाना हुई। इस दौरान उन्होंने दुल्हन के परिवार वालों को सूचित किया कि वह रास्ते में फंसे हैं। दुल्हन पक्ष के रिश्तेदार देर रात तक बरात का इंतजार कर अपने-अपने घर चले गए।

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कारखानों का काम हो रहा प्रभावित

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