Delhi NCR AQI: दिल्ली का 'दम घोंट' रही पंजाब की पराली, बीते 7 दिन में यूपी-हरियाणा से ज्यादा उठा धुंआ

Delhi NCR AQI Today: यूपी और हरियाणा में पराली तो जलाई जा रही है लेकिन यह संख्या पंजाब में जलने वाली पराली की संख्या से बहुत कम है। पराली जलने के केस पंजाब में ज्यादा हैं। पंजाब में पिछले साल के मुकाबले पराली जलने की घटनाएं भले ही कम हो गई हों लेकिन पंजाब में अब भी काफी पराली जल रही है।

दिल्ली में प्रदूषण गंभीर श्रेणी में है।

Delhi NCR AQI Today: दिल्ली एवं एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर AQI लगातार 'गभीर' स्थिति में बना हुआ है। 'जहरीली' हवा लोगों का दम घोंट रही है। सरकार के प्रयासों के बावजूद वायु गुणवत्ता में ज्यादा सुधार देखने को नहीं मिला है। बुधवार सुबह आनंद विहार में एक्यूआई 452, आरकेपुरम में 433, पंजाबी बाग में 460 और आईटीओ में 413 रहा। रात के समय आनंद विहार के पास एक्यूआई 999 तक पहुंच गया। राजधानी एवं एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण की इस समस्या की सबसे बड़ी वजह पंजाब, हरियाणा और यूपी में जलने वाली पराली को बताया जा रहा है।

यूपी-हरियाणा के मुकाबले पंजाब में जल रही ज्यादा पराली

यूपी और हरियाणा में पराली तो जलाई जा रही है लेकिन यह संख्या पंजाब में जलने वाली पराली की संख्या से बहुत कम है। पराली जलने के केस पंजाब में ज्यादा हैं। पंजाब में पिछले साल के मुकाबले पराली जलने की घटनाएं भले ही कम हो गई हों लेकिन पंजाब में अब भी काफी पराली जल रही है जो यूपी और हरियाणा के मुकाबले काफी ज्यादा है। अगर आप पिछले 7 दिन की सैटेलाइट इमेज देखेंगे तो आपको पंजाब के मैप पूरा लाल लाल दिखाई देगा जो पराली जलने की घटनाओं का इंडिकेटर है। अगर पंजाब में पराली जलने के केस देखे तो वो यूपी और हरियाणा के मुकाबले कहीं ज्यादा है।

एक दिन में पराली जलने की घटनाएं
  • 6 नवंबर ,2023
  • 6 राज्यों में पराली जलाने की कुल घटनाएं- 2,914
  • पंजाब - 2,060
  • हरियाणा- 65
  • यूपी - 87
  • राजस्थान - 47
  • एमपी- 655
  • दिल्ली - 0

15 सितंबर से 6 नवंबर के बीच

  • कुल पराली जलने की घटनाएं- 19463
  • पंजाब - 65.6 %
  • एमपी - 20.97 %
  • हरियाणा- 5.3 %
  • यूपी - 4.2 %
  • राजस्थान- 3.7 %
  • दिल्ली- 0.006 %

पंजाब सरकार की जिम्मेदारी सबसे ज्यादा

सीधी सी बात है कि दिल्ली में केजरीवाल की सरकार है, पंजाब में उनकी सरकार है। तो जिम्मेदारी भी सबसे ज्यादा उन्हीं की है। और इस जिम्मेदारी से वो भाग नहीं सकते। और इसीलिए आज सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली और पंजाब की राज्य सरकारों को खूब सुनाया और साफ साफ कहा कि काम करके दिखाओ, क्योंकि ऐसे बैठकर चुपचाप देखा नहीं जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने तो ये भी कह दिया कि अभी तक प्रदूषण रोकने के मामले में जो हो रहा है वो सिर्फ दिखावा ही लग रहा है।

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