एलजी दफ्तर का आदेश दिल्ली सरकार का गला घोंटने वाला, सीएम अरविंद केजरीवाल बिफरे

Arvind Kejriwal News: दिल्ली के एलजी वी के सक्सेना ने आदेश दिया है कि बिना पूर्व अनुमति के विभागों में फेलो, एसोसिएट फेलो और दूसरे सहायकों की भर्ती ना की जाए। इस आदेश को सीएम अरविंद केजरीवाल ने असंवैधानिक बताया है।

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Arvind Kejriwal News: दिल्ली सरकार और लेफ्टिनेंट गवर्नर वी के सक्सेना(v k saxena) के बीच तनातनी की बात नई नहीं है। हाल ही में एलजी वी के सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा नियुक्त 400 विशेषज्ञों को बर्खास्त कर दिया। एलजी दफ्तर ने नियुक्तियों में अनियमितता का हवाला दिया था। आम आदमी पार्टी सरकार ने एलजी दफ्तर के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए अदालत में चुनौती देने की योजना बनाई है। इन सबके बीच एलजी दफ्तर ने सर्विस डिपार्टमेंट को आदेश दिया है कि तत्काल प्रभाव से सभी विभागों में फेलो, एसोसिएट फेलो, सलाहकार,उप सलाहकार सीनियर रिसर्च फेलो, कंस्लटेट की नियुक्ति बिना पूर्व अनुमति ना करने के निर्देश दिए हैं। एलजी के इस फैसले को सीएम अरविंद केजरीवाल ने गला घोंटने वाला बताया है।

क्या है मामला

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उन्हें नहीं समझ में आ रहा कि एलजी वी के सक्सेना ने इस तरह का आदेश क्यों दिया है। दिल्ली सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएगी। सेवा विभाग(services department) उपराज्यपाल को रिपोर्ट करता है।पत्र में यह भी कहा गया है दिल्ली विधानसभा उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना ऐसे जनशक्ति को नियुक्त करने या संलग्न करने में सक्षम नहीं है।सेवा विभाग ने वित्त विभाग से उपराज्यपाल की मंजूरी के बिना लगे लोगों के लिए वेतन जारी नहीं करने के लिए कहा, और अन्य विभागों को अपने मामलों को उचित औचित्य के साथ उपराज्यपाल के पास विचार के लिए भेजने का निर्देश दिया।

तनातनी का पुराना इतिहास

उपराज्यपाल कार्यालय ने पहले कहा था कि नियुक्तियों में संविधान द्वारा निर्धारित अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों के लिए अनिवार्य आरक्षण नीति का भी पालन नहीं किया गया है।यह कदम ऐसे समय उठाया गया है जब दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच इस बात को लेकर लड़ाई चल रही है कि शहर की नौकरशाही को कौन नियंत्रित करता है। मई में सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश ने दिल्ली सरकार को नियंत्रण दे दिया था, लेकिन कुछ दिनों बाद, केंद्र ने एक विशेष आदेश जारी कर इसे वापस ले लिया।

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