जमानत के लिए मनीष सिसोदिया पहुंचे हाई कोर्ट, पत्नी की खराब सेहत का दिया हवाला
शीर्ष अदालत ने सिसोदिया की याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया थाऔर उन्हें पहले दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा था।
जमानत के लिए मनीष सिसोदिया पहुंचे हाई कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया था इनकार
बाद में सिसोदिया को इसी मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 9 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। मामला बाद में सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, जहां सिसोदिया ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी। हालांकि, शीर्ष अदालत ने उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया था और उन्हें पहले दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने को कहा था।
25 अप्रैल को सीबीआई चार्जशीट में नाम
25 अप्रैल को सिसोदिया को सीबीआई द्वारा दायर चार्जशीट में पहली बार मामले में एक आरोपी के रूप में नामित किया गया था। चार्जशीट में भारत राष्ट्र समिति की नेता के कविता के ऑडिटर बुच्ची बाबू, अर्जुन पांडे और शराब कारोबारी अमनदीप ढल का भी नाम था। पूर्व डिप्टी सीएम ने पिछले महीने दिल्ली हाई कोर्ट से उन्हें यह कहते हुए जमानत देने का आग्रह किया था कि इस मामले में उनकी संलिप्तता दिखाने के लिए कोई सबूत नहीं मिला है और उन्हें निशाना बनाया जा रहा है।
इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय को आबकारी नीति घोटाले के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में आम आदमी पार्टी के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर और बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड (Buddy Retail Pvt Limited) के निदेशक अमित अरोड़ा के बयान पर आगे पूछताछ करने की अनुमति मिल गई है। दोनों इस समय तिहाड़ जेल में बंद हैं। ईडी को इस सप्ताह किसी भी दो दिनों में अपना बयान दर्ज कराने के लिए अदालत की अनुमति मिल गई है। जांच एजेंसी ने अदालत का दरवाजा खटखटाया था और दोनों से पूछताछ करने की अनुमति मांगी थी।
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अमित कुमार मंडल author
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