मेयर, डिप्टी मेयर 'आप' का फिर भी एमसीडी में हंगामा, आखिर क्या है वजह
दिल्ली नगर निगम में स्टैंडिंग कमेटी की भूमिका महत्वपूर्ण है। आप और बीजेपी दोनों की कोशिश है कि इस समिति में उनका दबदबा कायम हो। अगर संख्या बल को देखें तो आप को प्रचंड बहुमत है। लेकिन बीजेपी को यकीन है कि उसका मामला भी बन सकता है।
स्टैंडिंग कमेटी के मुद्दे पर दिल्ली एमसीडी में हंगामा
22 फरवरी को आखिरकार दिल्ली को मेयर और डिप्टी मेयर दोनों मिले। तीन बार चुनाव टला, सुप्रीम कोर्ट ने हस्तक्षेप किया और उसके बाद चुनाव संपन्न हुआ। नतीजे जब सामने आए तो आप उम्मीदवार शैली ओबेरॉय मेयर बनने में कामयाब हुईं। इसके साथ ही डिप्टी मेयर का पद भी आप की झोली में गया। लेकिन उसके बाद जब स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों की चुनने की बारी आई तो सदन में गली फाइट का नजारा सामने आया। बीजेपी और आप के पार्षदों ने एक दूसरे के साथ हाथापाई की, जूठे सेब फेंके और सदन में ही पार्षद सो गए। अब आपको यह समझ में नहीं आ रहा होगा जब मेयर और डिप्टी मेयर की कुर्सी का फैसला हो चुका है तो हंगामा क्यों हो रहा है। दरअसल मामला स्टैंडिंग कमेटी को लेकर है। स्टैंडिंग कमेटी, एमसीडी की पावरफुल कमेटी है, इस पर जिसका कब्जा होगा वो सदन में प्रभावी होगा। अगर सदन के आंकड़े को देखें को आप के पास प्रचंड बहुमत है, लिहाजा स्टैंडिंग कमेटी में उसका जोर अधिक होगा। लेकिन बीजेपी को लगता है कि 105 पार्षदों के साथ उसकी भी स्थिति कमजोर नहीं है। इस पर विस्तार से समझने के पहले सदन में क्या कुछ हुआ।
एमसीडी सदन में क्या हुआ
- सदन की कार्यवाही बार बार स्थगित
- हो हल्ला, शोरगुल के बीच हनुमान चालीसा
- एक दूसरे पर जूठे सेब फेंके गए।
- पार्षदों के बीच हुई हाथापाई
- स्टैंडिंग कमेटी के मुद्दे पर हंगामा
- 47 मतपत्रों को निरस्त करने का मामला
स्टैंडिंग कमेटी पर हंगामा
जानकार कहते हैं कि मेयर किसी भी दल से चुना जाए। स्टैंडिंग कमेटी के पास महत्वपूर्ण अधिकार होते हैं। अगर आप सदन में कुछ करना चाहते हैं तो इस समिति की मंजूरी जरूरी है। अगर ऐसा नहीं हो पाए तो कामकाज करना मुश्किल है। ऐसे में जाहिर है कि स्टैंडिंग कमेटी में जिसका दबदबा होगा वो सदन को अपने हिसाब से संचालित कर सकेगा। स्थाई समिति के 6 सदस्यों के लिए बुधवार शाम 6 बजे चुनावी प्रक्रिया शुरू हुई। मेयर ने वोटिंग एरिया में मोबाइल की परमिशन दी। लेकिन बीजेपी ने विरोध किया। बीजेपी के पार्षदों ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नारेबाजी की और माहौल वहां से खराब होना शुरू हुआ। सदन की बैठक स्थगित हुई हालांकि कुछ सदस्य मतदान में हिस्सा ले चुके थे।
स्टैंडिंग कमेटी पर रार
इस तरह शाम के करीब सात बजे मेयर ने कहा कि जिन सदस्यों के पास मतपत्र हैं वो आगे आएं और फैसला लेंगी। लेकिन बीजेपी पार्षदों ने तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगाए। एक सदन में दो कानून नहीं चलेगा के नारे भी लगे। इस तरह से सदन की कार्यवाही तीन बार स्थगित हुई। रात के करीब 9.30 बजे मेयर ने कहा कि जो पार्षद सदन में व्यवस्था नहीं बनाएंगे उन्हें बाहर किया जाएगा और हंगामा जारी रहा। रात के करीब 10.30 बजे आप विधायत आतिशी ने ट्वीट किया कि मेयर शैली ओबेरॉय पर हमले की कोशिश की गई।
रात में 11 बजे बीजेपी पार्षदों ने कहा कि पहले उन 47 वोटों को रद्द किया जाए जो मतदान में हिस्सा बने। लेकिन जब मेयर ने कहा कि कुल 250 बैलेट पेपर्स छपे थे। अगर उन 47 वोटों को रद्द कर दिया जाए मतदान के लिए नए बैलेट पेपर नहीं मिलेंगे। ऐसे में मेयर ने वोट रद्द नहीं करने का फैसला किया और उसका नतीजा यह हुआ कि पार्षदों ने एक दूसरे पर बोतलों से हमला कर दिया।
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