आपकी जान के लिए खतरा है ये मसक्कली, चारा डालने से पहले ये खबर पढ़ लें; अब तो चालान भी होगा

दिल्ली नगर निगम अब कबूतरों को दाना डालने वालों पर सख्त हो गई है। चौक-चौराहों पर दाना डालने वालों को अब 200 रुपये से 500 रुपये तक की चपत लग सकती है। ये फैसला जानवरों और कबूतरों से फैलने वाली गंदगी और ट्रैफिक में रुकावट की वजह से लिया गया है।

pigeon feeding is fined in Delhi

कबूतरों को दाना डालने पर कटेगा चालान

दिल्ली के चौक-चौराहों से गुजरती गाड़ियों के ऊपर अचानक उड़ते कबूतरों के झुंड, ये दिल्ली वालों के लिए कोई नया और हैरत में डालने वाला नजारा नहीं है। दिल्ली की आंखों को इसकी आदत लग चुकी है। ये बताने की जरूरत नहीं कि ये कबूतर चौराहों पर झुंड में बैठकर क्या कर रहे होते हैं। पास ही अनाज बेचते दुकानदारों से खरीदकर रोजाना किलो के हिसाब से दाने दिल्ली के तमाम चौराहों पर फैला दिए जाते हैं। लेकिन अब कबूतरों को दाना डालना आपको महंगा पड़ सकता है।

दाना डालने पर कटेगा चालान

दिल्ली नगर निगम (MCD) ने सड़कों और मुख्य चौराहों पर दाना डालने वालों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है। कई इलाकों में नियम लागू भी हो चुका है। नियम तोड़ने वालों का 200 से 500 रुपये तक का चालान काटा जाएगा। ये फैसला कबूतरों से फैलने वाली गंदगी के कारण लिया गया है। यही नियम आवारा पशुओं को चारा डालने पर भी लागू होगा।

गंदगी और ट्रैफिक के मद्देनजर लिया गया फैसला

एमसीडी ने इसकी शुरुआत कश्मीरी गेट के पास तिब्बती मार्केट, ईदगाह गोलचक्कर और पंचकुइंया रोड अंबेडकर भवन के पास से की है। जहां गोलचक्कर और सड़क के किनारे कबूतर से लेकर बाकी पशुओं को खाना खिलाना या दाना डालने से गंदगी फैलती है। गंदगी के अलावा कई जगहों पर जानवर ट्रैफिक में भी बाधा पैदा करते हैं।

काटे जा रहे हैं चालान

ईदगाह सर्कल के आसपास ऐसे दो पॉइंटों पर आवारा जानवरों को और कबूतरों के लिए दाना और चारा डाला जाता है। यहां की साफ-सफाई कराने के बाद वहां एक कर्मचारी की ड्यूटी लगाई गई है। लाल किले के पीछे विजय घाट पर भी सफाई के बाद दाना बेचने वालों को हटा दिया गया है। इसके बावजूद जो लोग आदत से बाज नहीं आ रहे, उनपर कार्रवाई की जा रही है। चारा-दाना डालने के लिए आने वाले लोगों के गाड़ियों के नंबर मौजूद निगम कर्मचारी अपने पास नोट कर लेता है, फिर ट्रैफिक पुलिस की मदद से वाहन मालिक का पता लगाकर चालान घर भेजा जा रहा है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पिछले तीन दिनों में पांच चालान काटे गए हैं।

बीमारी का घर होते हैं कबूतर

कबूतर भले ही शांतिदूत की तरह पेश किए जाते हों, लेकिन असल में ये बीमारियों का घर होते हैं। कबूतरों की बीट और उसमें पैदा होने वाले फंगस फेफड़ों से जुड़ी कई खतरनाक बीमारियों के कारण बन सकते हैं। इनसे हाइपरसेंसिटिव निमोनिया, सिटाकोसिस और हिस्टोप्लास्मोसिस जैसे कई सांस से जुड़ी बीमारियां और फंगल इन्फेक्शन हो सकते हैं। इन्हीं कारणों से हेल्थ एक्सपर्ट कबूतरों से दूरी बनाए रखने और उनकी बीट साफ करते समय विशेष सावधानी बरतने की बात करते हैं।

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Digpal Singh author

खबरों की दुनिया में लगभग 19 साल हो गए। साल 2005-2006 में माखनलाल चतुर्वेदी युनिवर्सिटी से PG डिप्लोमा करने के बाद मीडिया जगत में दस्तक दी। कई अखबार...और देखें

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