भीषण गर्मी के बीच MCD की मानसून से निपटने की तैयारी, जानें कैसे निपटेंगे जलजमाव से
अभी आप भीषण गर्मी से परेशान हैं, लेकिन MCD की चिंता बारिश के मौसम में होने वाली जलभराव की समस्या है। कुछ दिनों में दिल्ली में मानसूनी बारिश शुरू हो जाएगी और दिल्ली की मेयर शैली ओबरॉय मीटिंग करके यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि हर साल की तरह इस बार सड़कों पर पानी न भरे।
MCD की मानसून की तैयारी
नई दिल्ली : राजधानी दिल्ली में भले ही इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही हो और लोगों को मानसून का बेसब्री से इंतजार हो। लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि मानसूनी बारिश होते ही दिल्ली की सड़कों पर पानी जमा हो जाता है और लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अभी भले ही सूरज से आग बरस रही हो और हर कोई बारिश के लिए दुआ कर रहा हो, लेकिन मानसून में सड़कों पर पानी जमने के बाद यही लोग दुआ करते हैं कि अब और बारिश न हो। इसी के चलते MCD ने पहले ही मानसून से जुड़ी समस्याओं से निपटने की तैयारी शुरू कर दी है।
दिल्ली नगर निगम यानी MCD ने मानसून के दौरान सड़कों पर पानी न भरे इसके लिए योजना तैयार कर ली है। बरसात के मौसम में लोगों को परेशानी से बचाने के लिए अभी से ही गलियों की नालियों और बड़े नालों की सफाई की जा रही है। दिल्ली की मेयर शैली ओबरॉय ने मंगलवार को निगम दफ्तर में प्रेसवार्ता के दौरान निगम की तैयारियों पर चर्चा की। इस दौरान उनके साथ सदन नेता मुकेश गोयल भी मौजूद थे।
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इस दौरान मेयर शैली ओबरॉय ने जानकारी दी कि निगम के अधीन 4 फीट से ऊपर के 713 नाले हैं। इन नालों की कुल लंबाई 460 किलोमीटर है। इनके अलावा चार फीट से नीचे के भी लगभग 21 नाले हैं, जिनकी लंबाई लगभग 66 हजार किलोमीटर है। उन्होंने बताया कि इन नालों की सफाई दो चरणों में होती है। पहला चरण मानसून से पहले पूरा किया जाता है और दूसरे चरण की सफाई मानसून समाप्त होने के बाद होती है।
बड़े नालों की सफाई का काम 93 फीसद पूरामेयर शैली ओबरॉय ने बताया कि पहले चरणें में 4 फीट से ऊपर के नालों क सफाई का कार्य लगभग 93 फीसद पूरा हो चुका है। चार फीट से नीचे के नालों की सफाई भी 85 फीसद तक हो चुकी है। उन्होंने कहा कि पिछले वर्षों में जिन जगहों पर जल जमाव की समस्या रही है, वहां पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि मानसून के दौरान सभी स्थायी पंपिंग स्टेशनों पर 24x7 स्टाफ मौजूद रहेगा। बता दें कि निगम के अधीन कुल 70-80 पंप हैं। इनके अलावा 450-500 अस्थायी पंप भी हैं। दिल्ली में वार्ड स्तर पर जोनल टीमों का भी गठन किया गया है, जिनमें जूनियर इंजीनियर और सफाई कर्मचारियों के साथ ही बेलदार, रखरखाव और डेम्स विभाग के कर्मचारी भी शामिल हैं।
जलजमाव से निपटने को QRTमेयर शैली ओबरॉय ने बताया कि जलभराव की समस्या से निपटने के लिए त्वरित प्रतिक्रिया दल (QRT) बनाया गया है। दिल्ली के हर जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। यह अधिकारी जोन में जलभराव वाले स्थानों को चिह्नित करने के साथ ही निगरानी भी करेगा। अधिकारी की जिम्मेदारी होगी कि जलभराव की स्थिति से बचाव के लिए अतिरिक्त इंतजाम किए जाएं।
दूसरी तरफ विपक्ष का कहना है कि नालों की सफाई के लिए दो डेडलाइन खत्म हो चुकी हैं. MCD में नेता प्रतिपक्ष इकबाल सिंह ने मानसून के लिए तैयारियों पर MCD और मेयर को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के कई इलाकों में नालों में गंदगी फैली हुई है। नालों की सफाई सिर्फ कागजों पर ही हो रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि नालों की सफाई नहीं हुई तो लोगों को बरसात के मौसम में जलभराव की दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
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