MCD में महारण: सियासी जंग में एक वोट भी कीमती, यूं ही नहीं हो रहा BJP-AAP में सिरफुटौव्वल

स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव के लिए शुक्रवार को एमसीडी के सिविक सेंटर में कार्यवाही शुरू हुई। लेकिन रात होते होते तक बवाल इतना बढ़ा कि सदन की मर्यादा को पार्षदों ने तार तार कर दिया। मसला एक वोट का था। वो वोट बीजेपी और आप दोनों के लिए अहम था। मेयर शैली ओबेरॉय ने जब उस एक मत को अवैध घोषित कर दिया तो हंगामा बढ़ गया।

शैली ओबेरॉय, मेयर, एमसीडी

दिल्ली नगर निगम ने अपना मेयर और डिप्टी मेयर चुन लिया है। संख्या बल में भारी आम आदमी पार्टी इन दोनों पदों को हासिल करने में कामयाब रही। लेकिन असल लड़ाई स्थाई समिति के लिए है। कुल 6 सदस्यों का चुनाव होना है और उम्मीदवार सात। शुक्रवार को सिविक सेंटर एक बार फिर महा हंगामे का गवाह बना। लात घूंसे चले, एक पार्षद बेहोश हो गया। सदन में हमारे माननीयों को अपने अशोभनीय व्यवहार पर भले ही शर्मिंदगी ना हो। आम लोग यह सवाल पूछने लगे कि सिर्फ एक वोट के लिए इतनी लड़ाई। अब जनाब आम लोगों के लिए सिर्फ वो एक वोट हो सकता है। लेकिन वो एक ही वोट यह फैसला करने वाला है कि दिल्ली नगर निगम में असल शक्ति किसके पास होगी। मेयर शैली ओबेरॉय ने उस एक मत को अवैध घोषित कर दिया जिसकी मदद से बीजेपी के तीनों उम्मीदवार जीत सकते थे।
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मेयर से पावरफुल स्टैंडिंग कमेटी

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सबसे पहले आप एमसीडी स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों की चुनावी प्रक्रिया समझिए। स्टैंडिंग कमेटी में कुल 18 सदस्यों का चुनाव होना है। सबसे पहले सदन से 6 सदस्य और बाद में 12 जोन से सदस्य चुने जाने हैं। सदन की लड़ाई में आप ने चार उम्मीदवार और बीजेपी ने तीन उम्मीदवार उतारे हैं। हर एक सदस्य को 35 सदस्यों का समर्थन जरूरी है। बीजेपी के पास कुल 104 पार्षद है लिहाजा तीन उम्मीदवार जिताने के लिए 1 और पार्षद की जरूरत है। अब शुक्रवार को हुआ ये के आप की एक पार्षद बीजेपी में शामिल हो गया और इस तरह से उनके पास तीन उम्मीदवार जिताने के लिए आवश्यक 105 पार्षदों की संख्या पूरी हो गई। लेकिन बवाल तब शुरू हुआ जब मेयर ने मत को अवैध माना हालांकि निर्वाचन अधिकारियों को किसी तरह की खामी नहीं दिखी थी। बीजेपी का आरोप है कि आम आदमी पार्टी के हाथ से स्टैंडिंग कमेटी निकल रहा है लिहाजा तरह तरह के पैंतरे इस्तेमाल किए जा रहे हैं। बता दें कि स्टैंडिंग कमेटी सभी बड़े आर्थिक और प्रशासनिक फैसले करती है।
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