PM Modi at DU: डीयू के छात्रों से PM बोले-भविष्य की आहट है अमेरिका में मिला भारत को सम्मान

PM Modi Address DU students: डीयू के इस कार्यक्रम में शरीक होने के लिए पीएम दिल्ली मेट्रो की सवारी की। मेट्रो में यात्रा के दौरान उन्होंने युवाओं एवं लोगों से बात की। समारोह को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि आज का यह अवसर खास है। क्योंकि डीयू इस शताब्दी समारोह का आयोजन ऐसे समय हुआ है जब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है।

PM Modi Address DU students: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया में वे देश सुखी और बलवान हैं जिनके पास ज्ञान है। संस्थानों के संकल्प जब देश के लिए होते हैं दो राष्ट्र विकास करता है। शिक्षण संस्थान देश की उपलब्धियों के प्रतिबिंब होते हैं। पीएम ने ये बातें दिल्ली विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि आज दुनिया में भारत का जो इतना गौरव बढ़ा है। इसकी वजह भारतीय युवाओं की प्रतिभा पर दुनिया का भरोसा बढ़ना है।

मेट्रो की सवारी कर पहुंचे DU

डीयू के इस कार्यक्रम में शरीक होने के लिए पीएम दिल्ली मेट्रो की सवारी की। मेट्रो में यात्रा के दौरान उन्होंने युवाओं एवं लोगों से बात की। समारोह को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि आज का यह अवसर खास है। क्योंकि डीयू इस शताब्दी समारोह का आयोजन ऐसे समय हुआ है जब देश अपनी आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। पीएम ने कहा कि डीयू ने इन 100 सालों में अपने मूल्यों को जीवंत रखा है। डीयू की स्थापना साल 1922 में हुई।

'हमारा लक्ष्य अब विकसित भारत के निर्माण की है'

उन्होंने कहा, 'कभी डीयू में 3 कॉलेज होते थे लेकिन अब इससे 90 कॉलेज जुड़े हैं। डीयू में छात्रों से ज्यादा लड़कियां पढ़ाई कर रही हैं। देश में भी लिंगानुपात में काफी सुधार आया है। शिक्षण संस्थान की जड़ें जितनी गहरी होती हैं देश की शाखाएं उतनी ऊंचाई छूती हैं। 25 साल बाद देश जब अपनी आजादी 100 साल पूरे करेगा तो डीयू अपनी स्थापना के 125वां वर्ष मनाएगा। हमारा लक्ष्य अब विकसित भारत के निर्माण की है।'

शिक्षा सीखने की भी प्रक्रिया है-पीएम

प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश में आईआईटी, आईआईएम एवं एम्स जैसे संस्थानों की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। शिक्षा केवल सिखाने की प्रक्रिया नहीं है बल्कि यह सीखने की भी प्रक्रिया है। हमारे यहां लंबे समय तक फोकस छात्रों को क्या पढ़ाया जाना चाहिए इस पर रहा लेकिन हमने यह सुनिश्चित किया कि छात्र क्या पढ़ना चाहते हैं, इस पर जोर देना होगा। शिक्षा की गुणवत्ता एवं प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए हम काम कर रहे हैं। हमने संस्थानों की स्वायत्तता को उनके प्रदर्शन से जोड़ा है।

'आज के युवा अपनी लकीर खुद खींचता चाहते हैं'

उन्होंने कहा कि शिक्षा में भविष्य की नीतियों की वजह से दुनिया में भारतीय संस्थानों की पहचान बढ़ रही है। हमारी संस्थानों के छात्र दुनिया में अपनी पहचान बना रहे हैं। आज वर्ल्ड रैंकिंग में भारत के 45 संस्थान हैं। पहले शिक्षा नौकरी तक सीमित हो गई थी लेकिन आज के युवा अपनी लकीर खुद खींचना चाहता है। आज भारत में स्टार्ट-अप की संख्या एक लाख को पार कर गई है। 2014-15 की तुलना में आज 40 प्रतिशत से ज्यादा पेटेंट फाइल हो रहे हैं।

भारत के भविष्य की यह अभी आहट है-पीएम

अपनी हाल की अमेरिकी यात्रा का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा कि आपने देखा होगा कि भारत का गौरव कितना बढ़ गया है। इसकी वजह है कि भारत की क्षमता बढ़ी है, भारतीय युवाओं की प्रतिभा पर दुनिया का भरोसा बढ़ा है। अंतरिक्ष से लेकर चिप निर्माण के क्षेत्र में भारत के युवाओं को नए अवसर प्राप्त होने जा रहे हैं। अमेरिकी कंपनियां भारत में बड़े निवेश करने जा रही हैं। ये अभी आहट है कि भविष्य का भारत कैसा होने वाला है।

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